Pandora Papers Case इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट के पेंडोरा पेपर्स मामले पर बहुस्तरीय एजेंसियों (Multi Agency Group MAG) ने इस संबंध में नामित संस्थाओं और व्यक्तियों की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है. इससे पहले बीते सप्ताह इसकी पहली बैठक की गई थी. बहुस्तरीय एजेंसियों की बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष जेबी महापात्र ने की. बैठक में प्रवर्तन निदेशक (ED), भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) के अधिकारी शामिल हुए.
बता दें कि पेंडोरा पेपर्स मामले के खुलासे ने खलबली मचा दी है. रविवार को लीक हुए इन दस्तावेजों ने भारत समेत दुनियाभर के 91 देशों में हलचल पैदा कर दी है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि बहुस्तरीय एजेंसियों ने अपनी बैठक में 3 अक्टूबर 2021 को इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंटरनेशनल जर्नलिस्ट्स (ICIJ) द्वारा रिपोर्ट किए गए पेंडोरा पेपर्स के लीक होने पर चर्चा की. सूत्रों की मानें तो मीडिया में अब तक 380 भारतीय नामों और संस्थाओं में से कुछ ही सामने आए हैं. वहीं, आइसीआइजे द्वारा बाकी भारतीय संस्थाओं के नाम जारी किए जाने के बाद एमएजी अपनी जांच में तेजी लाएगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में यह निर्णय लिया गया कि एमएजी सूचना के स्वचालित आदान-प्रदान के माध्यम से पेंडोरा पेपर्स में नामित भारतीय संस्थाओं पर संबंधित देशों से जानकारी मांगेगा. सूत्रों के हवाले से आगे बताया गया है कि कि एमएजी के पास आर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट का एक प्लेटफॉर्म भी है. यहां स्पॉन्टेनियस एक्सचेंज इंफॉर्मेशन के जरिए भारत संबंधित देशों से जानकारी मांग सकता है.
गौरतलब हो कि दुनियाभर में अमीर व्यक्तियों की वित्तीय संपत्ति का खुलासा करने वाले पैंडोरा पेपर्स में व्यवसायियों सहित 300 से अधिक धनी भारतीयों के नाम शामिल हैं. हालांकि कई भारतीयों ने गलत कामों के आरोपों को खारिज कर दिया है. इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स ने पैंडोरा पेपर्स, ऑफशोर टैक्स हैवन्स में वित्तीय रिकॉर्ड के एक लीक को प्राप्त किया था. गुप्त वित्तीय लेन-देन और कारोबार पर पेंडोरा पेपर्स लीक को अब तक का सबसे बड़ा खुलासा करार दिया गया है.