Waqf Board: वफ्क की संपत्ति पर बना है संसद भवन और नई दिल्ली एयरपोर्ट, मचा बवाल, जानिए पूरा मामला

Waqf Board: पत्रकारों से बात करते हुए अजमल ने कहा कि वसंत विहार से लेकर एयरपोर्ट तक का क्षेत्र भी वक्फ की जमीन पर स्थित है.

By Aman Kumar Pandey | October 17, 2024 12:31 PM
an image

Waqf Board: ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के अध्यक्ष और पूर्व सांसद बदरुद्दीन अजमल ने बुधवार को एक विवादास्पद बयान देकर नई बहस छेड़ दी है. उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में स्थित संसद भवन और उसके आसपास का पूरा इलाका वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर बना हुआ है. पत्रकारों से बात करते हुए अजमल ने कहा कि वसंत विहार से लेकर एयरपोर्ट तक का क्षेत्र भी वक्फ की जमीन पर स्थित है. उनका आरोप है कि सरकार वक्फ बोर्ड की करीब 9.7 लाख बीघा जमीन को कब्जा करने की कोशिश कर रही है. अजमल ने सरकार से मांग की कि वह वक्फ बोर्ड की संपत्ति को मुस्लिम समुदाय को वापस सौंपे.

इसे भी पढ़ें: High Court: ‘हिंदुस्तान मुर्दाबाद’ वाली जुबां से 21 बार बोलना पड़ेगा भारत माता की जय, हाई कोर्ट की अनोखी सजा

अजमल ने वक्फ संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध किया है और यह भी कहा कि इस विषय पर उठाई जा रही आवाजें दुनिया भर में सुनाई दे रही हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि बिना अनुमति के वक्फ की जमीन का उपयोग करना अनुचित है और इस मुद्दे पर सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. उन्होंने यहां तक कहा कि इस मुद्दे पर मोदी सरकार जल्द ही सत्ता खो सकती है.

इसे भी पढ़ें: दुनिया के किसी भी पिता को न देखना पड़े ऐसा दिन, विज्ञापन देख आंखों में भर आएंगे आंसू  

इसके अलावा, विपक्षी सांसदों ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर आयोजित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक में संसदीय आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बैठक का संचालन पक्षपातपूर्ण ढंग से किया. उनका दावा है कि समिति के समक्ष अनवर मणिप्पाडी को साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए बुलाया जाना समिति के अधिकार क्षेत्र से बाहर था.

इसे भी पढ़ें: भारत पर लगाए आरोपों से पलटे जस्टिन ट्रूडो, कहा- निज्जर की हत्या पर ठोस सबूत नहीं, सिर्फ खुफिया…

विपक्षी सांसदों ने यह भी बताया कि JPC की बैठक में पेश किए गए नोट, जिसका शीर्षक था “कर्नाटक वक्फ घोटाला रिपोर्ट 2012 पर आधारित वक्फ विधेयक 2012 पर प्रस्तुति”, वास्तव में वक्फ विधेयक पर कोई महत्वपूर्ण टिप्पणी नहीं थी. इसके बजाय, नोट में केवल कर्नाटक कांग्रेस के नेताओं, विशेषकर मल्लिकार्जुन खड़गे, के खिलाफ राजनीतिक रूप से प्रेरित आरोप थे.

Exit mobile version