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Budget Session: एक भारत, श्रेष्ठ भारत 21वीं सदी के लिए मूल मंत्र, बजट सत्र में बोलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति राष्ट्रपति द्रौपदी ने नए संसद भवन में बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों को संबोधित करते हुए कहा कि यहां एक भारत, श्रेष्ठ भारत की महक है. उन्होंने कहा कि यही 21वीं सदी के लिए भारत का मूल मंत्र भी है. राष्ट्रपति ने कहा कि भारत तेजी से प्रगति कर रहा है.

By Pritish Sahay | January 31, 2024 12:06 PM
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बजट सत्र की आज से शुरुआत हो रही है. सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद भवन में दोनों सदनों को संबोधित किया. उन्होंने अपने अभिभाषण में एक भारत-श्रेष्ठ भारत की 21वीं सदी के लिए मंत्र दिया है. राष्ट्रपति ने कहा कि नए सदन में उनका यह पहला संबोधन है. यहां संसदीय परंपराओं का गौरव है. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से लेकर लोकसभा एवं राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के प्रावधान वाला कानून पारित होने का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को घोषणा की कि सरकार परीक्षा में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है और इसे रोकने के लिए एक कानून बनाएगी. राष्ट्रपति ने नए संसद भवन में पहला संबोधन देते हुए कहा कि यहां ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की महक है.

बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह आखिरी बजट है. सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जॉइंट सेशन को संबोधित किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि ये नए सदन में उनका पहला संबोधन है. राष्ट्रपति ने कहा कि यह आजादी के अमृत काल की शुरुआत है. बता दें, इससे पहले जब राष्ट्रपति नए संसद भवन में पहुंचीं तो उनके आगे सेंगोल को लेकर चला जा रहा था. उनके पीछे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चल रहे थे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, इस नए संसद भवन में यह मेरा पहला संबोधन है. यह हमारे संविधान के लागू होने का भी 75वां वर्ष है. बीता वर्ष भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा है. उन्होंने कहा कि दुनिया भर में गंभीर संकटों के बीच भारत सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है और लगातार पिछली दो तिमाही में देश की विकास दर बढ़ी है. पेश है राष्ट्रपति के अभिभाषण की बड़ी बातें.

Parliament Budget Session 2024 Highlights

  • राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को पहले पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में शामिल किया जाता था जो अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है.

  • विकसित भारत की भव्य इमारत चार स्तंभो युवा शक्ति, नारी शक्ति, किसान और गरीब पर खड़ी होगी, इन चार स्तंभों को सशक्त करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है.

  • महिला आरक्षण कानून पारित होने का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि मैं नारी शक्ति वंदन अधिनियम को पारित करने के लिए सदस्यों का अभिवादन करती हूं, यह मेरी सरकार के महिला नीत विकास के संकल्प को मजबूत करता है.

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की आकांक्षा सदियों से थी, आज यह सच हो चुकी है.

  • राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है, इस दिशा में सख्ती लाने के लिए नया कानून बनाने का फैसला किया गया है.

  • राष्ट्रपति ने कहा कि आज हम जो उपलब्धियां देख रहे हैं, वह पिछले 10 सालों की प्रथाओं का विस्तार है. हमने बचपन से गरीबी हटाओ का नारा सुना है. आज हम अपने जीवन में पहली बार गरीबी दूर होते हुए देख रहे हैं.

  • राष्ट्रपति ने कहा दुनिया में गंभीर संकटों के बावजूद भारत तेजी के साथ विकसित हो रहा है. मेरी सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक लेकर भी आई है. ये ऐसे कानून हैं, जो विकसित भारत की सिद्धि की मजबूत पहल हैं. क्रिमनल जस्टिस सिस्टम अब इतिहास बन गया है.

  • राष्ट्रपति द्रौपदी ने कहा कि भारत ने एशियाई खेलों में 100 से ज्यादा मेडल जीते. 5जी रोल आउट करने वाला पहला देश बन गया है.

  • आरटीआई फाइल करने वालों की संख्या सवा तीन करोड़ से बढ़कर 8 करोड़ से ज्यादा हो गई है. ये उपलब्धियां 10 साल की साधना का परिणाम है.

  • आज एक लाख से ज्यादा स्टार्टअप हैं. एक करोड़ 40 लाख लोग जीएसटी दे रहे हैं. कर के एक बड़े हिस्से का उपयोग युवाओं, महिलाओं, किसानों एवं गरीबों को सशक्त बनाने के लिए किया जा रहा है.

  • राष्ट्रपति ने कहा कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर झंडा फहराने वाला पहला देश बना. G20 की सफलता ने पूरी दुनिया में भारत की भूमिका को सशक्त किया.

  • नारी शक्ति अधिनियम से लोकसभा राज्यसभा में महिलाओं का पार्टिसिपेशन बढ़ेगा.

  • देश में पहले मुद्रास्फीति की दर दहाई अंकों में रहा करती थी जो अब चार फीसदी है.
    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि पहले जो बैंकिंग व्यवस्था चरमरा रही थी, वह आज विश्व में सबसे मजबूत बैंकिंग प्रणालियों में से एक है. आज बैंकों का एनपीए चार फीसदी ही है. 

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