31 जनवरी से आरंभ हो रहे संसद के बजट सत्र से पहले मंगलवार को सर्वदलीय बैठक हुई. जिसमें विपक्ष ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी की पूछताछ मामले में सरकार को घेरने की कोशिश की. बैठक में सरकार ने विभिन्न दलों के नेताओं से कहा कि वह में हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है.
कांग्रेस ने सरकार पर लगाया गंभीर आरोप
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का बैठक में प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि उन्होंने असम में राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर हिंसक हमले और उस पर राज्य सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदियों का मुद्दा उठाया. राज्य सभा में कांग्रेस के उप नेता तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि देश में अघोषित तानाशाही कायम है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद जैसे विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग कर रही है.
#WATCH | After the all-party meeting, Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi says, "…45 leaders from 30 parties, including the ruling BJP, attended the meeting…The meeting was held in a conducive atmosphere. This is a short session and the last one of the 17th Lok… pic.twitter.com/gIYhYBu0iH
— ANI (@ANI) January 30, 2024
31 जनवरी से नौ फरवरी के बीच संसद सत्र
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले संसद का यह आखिरी सत्र होगा. इस बार 31 जनवरी से नौ फरवरी के बीच संसद सत्र होगा जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा चुनाव से पहले अंतरिम बजट पेश करेंगी. पूर्ण बजट नयी सरकार पेश करेगी. सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन से होगी.
सर्वदलीय बैठक में 30 पार्टियों के 45 नेता हुए शामिल
सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, सत्तारूढ़ बीजेपी समेत 30 पार्टियों के 45 नेता बैठक में शामिल हुए. बैठक अनुकूल माहौल में हुई. यह एक छोटा सत्र है और 17वीं लोकसभा की आखिरी. हमने सांसदों से अनुरोध किया है कि वे तख्तियां लेकर न आएं. सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री और लोकसभा में सदन के उपनेता राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सरकार का प्रतिनिधित्व किया. बैठक में कांग्रेस के नेता कोडिकुनिल सुरेश, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता टी आर बालू, शिवसेना के राहुल शेवाले, समाजवादी पार्टी के नेता एस टी हसन, जनता दल (यूनाइटेड) के नेता राम नाथ ठाकुर और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के जयदेव गल्ला शामिल थे.