Parliament Updates/PM MODI : केंद्र सरकार संसद के मानसून सत्र के दौरान कई विधेयकों को पारित कराने के एजेंडे के साथ सदन में पहुंची है. लेकिन कई मुद्दों पर विपक्ष हंगामा कर रहा है. लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने नये मंत्रियों का परिचय कराने के लिए खड़े हुए, विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे. हंगामे के बीच पीएम मोदी ने विपक्ष पर जोरदार हमला किया. हंगामे को शांत करने की स्पीकर ओम बिरला ने कोशिश की. उन्होंने सांसदों से शांति बनाए रखने की अपील की लेकिन विपक्ष के सांसद नहीं मानें…
पीएम मोदी ने कहा कि ज्यादा महिलाओं और दलितों का मंत्री बनना कुछ लोगों के पच नहीं रहा है. ये लोग नहीं चाहते कि ऐसे लोग सरकार के साथ रहें. उन्होंने कहा कि खुशी है कि कई महिलाएं और दलित भाई मंत्री बनें लेकिन ये विपक्ष को रास नहीं आ रहा है. हमारे कई मंत्री ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं. प्रधानमंत्री को लोकसभा में नहीं बोलने देने को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विपक्ष ने संसदीय परंपरा को तोड़ा है. नये मंत्रियों को परिचय नहीं होने दिया गया. यह दुर्भाग्य है.
इधर जहां हंगामे के कारण स्पीकर ने लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. वहीं राज्यसभा के पिछले दिनों दिवंगत हुए वर्तमान सदस्य डॉ. रघुनाथ महापात्र एवं राजीव सातव के सम्मान में उच्च सदन की बैठक सोमवार को एक घंटे के लिए दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक के लिए स्थगित कर दिया गया. आपको बता दें कि सत्र शुरू होने के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद का मानसून सत्र सार्थक चर्चा के लिए समर्पित हो क्योंकि जनता कई मुद्दों पर जवाब चाहती है और इसके लिए सरकार पूरी तरह तैयार है.
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विपक्षी दल तीखे से तीखे सवाल पूछे : संसद के मानसून सत्र के पहले दिन पत्रकारों से चर्चा में प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों से तीखे से तीखे सवाल पूछने को कहा लेकिन साथ ही आग्रह किया कि शांत वातावरण में वह सरकार को जवाब देने का मौका भी दें. उन्होंने कोरोना वैक्सीन लगाने वालों को ‘‘बाहुबली” करार दिया और कहा कि अब तक चालीस करोड़ लोगों को कोरोना का वैक्सीन लग चुका है और आगे भी यह सिलसिला तेज गति से जारी रहेगा.
संसद में सार्थक चर्चा हो : पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना ऐसी महामारी है जिसकी चपेट में पूरा विश्व और मानव जाति है. हम चाहते हैं कि इस संदर्भ में संसद में सार्थक चर्चा हो ओर प्राथमिकता के आधार पर हो. सारे सांसद का सुझाव भी मिले. इससे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बहुत नयापन भी आ सकता है ओर यदि कमियां रह गई हो तो उन्हें ठीक भी किया जा सकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के मुद्दे पर वह सभी मुख्यमंत्रियों और अन्य लोगों से चर्चा करते रहे हैं. उन्होंने इस संबंध में सदन के नेताओं से भी चर्चा करने की इच्छा जताई.
जनता जवाब चाहती है : आगे पीएम मोदी ने कहा कि संसद का यह सत्र परिणामकारी हो और सार्थक चर्चा के लिए समर्पित हो. जनता जवाब चाहती है और सरकार की भी जवाब देने की तैयारी है.
Posted By : Amitabh Kumar