Parliament: दूसरे सप्ताह भी संसद में नहीं हो सका कोई काम, मंगलवार से सुचारू संचालन के आसार
सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद में जारी हंगामे की तुलना मर्फी के नियम से की. धनखड़ ने कहा कि 'एक एल्गोरिदम मौजूद है, जो सदन का संचालन नहीं होने दे रहा है.
Parliament:संसद के दोनों सदनों में गतिरोध दूसरे सप्ताह भी कायम रहा. विपक्ष के सांसद नियम 267 के तहत स्थगन प्रस्ताव लाकर अदानी मामले, मणिपुर हिंसा, संभल हिंसा और अजमेर शरीफ दरगाह विवाद पर चर्चा की मांग कर रहे हैं और इसके चलते अब तक शीतकालीन सत्र में एक दिन भी सुचारू रूप से संसद का कामकाज नहीं हो पाया है. सोमवार को भी दोनों सदनों की कार्यवाही पहले 12 बजे तक और फिर बाद में पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा.
विपक्ष ने लोकसभा और राज्यसभा में अडानी और संभल का मुद्दा उठाते हुए ‘वी वॉन्ट जस्टिस’ के नारे लगाए. लोकसभा और राज्यसभा में लगभग 15 मिनट ही कार्यवाही चल सकी. इससे पहले चार दिनों के अंदर चार बैठकों में दोनों सदनों में कुल 40 मिनट ही कार्यवाही हो सकी थी. संसद में किसी तरह के काम-काज न हो पाने को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्य सभा के उपसभापति जगदीप धनखड़ ने चिंता जताते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. नये सांसदों को बोलने का मौका न मिलना उनके साथ अन्याय है.
संविधान पर चर्चा कराने पर विपक्ष सहमत
संसद में जारी गतिरोध के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक की. लोकसभा अध्यक्ष से विपक्षी दल के नेता ने भी संसद के सुचारू संचालन में अपना सहयोग देने का आश्वासन दिया. सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, संसद में गतिरोध पर सभी ने अपनी चिंता व्यक्त की है. विपक्ष की ओर से कई मांगें रखी गई हैं. बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के सामने संविधान पर चर्चा कराने का प्रस्ताव रखा गया था.
सरकार ने उसे मंजूरी दे दी है. विपक्ष भी इससे सहमत है. हालांकि विपक्ष के एक नेता ने कहा कि संविधान पर चर्चा के लिए विपक्ष तैयार हो गया है, लेकिन कांग्रेस के जो आमजन से जुड़े मुद्दे है, उस पर सरकार बहस कराती है या नहीं यह मंगलवार के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा.
संविधान के प्रावधानों के अनुरूप काम करें सांसद
राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को हंगामे पर निराशा जाहिर की और संसद में जारी हंगामे की तुलना मर्फी के नियम से की. धनखड़ ने कहा कि ‘एक एल्गोरिदम मौजूद है, जो सदन का संचालन नहीं होने दे रहा है. हम अपने संविधान में बताए गए प्रावधानों के बिल्कुल विपरीत काम कर रहे हैं’. अब तक शीतकालीन सत्र में एक दिन भी सुचारू रूप से संसद का कामकाज नहीं हो पाया है. हंगामे के दौरान सभापति ने सांसदों से अपील करते हुए कहा कि संसद की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने दें. हालांकि विपक्ष भी स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने को लेकर अडिग है.
सरकार की ओर से जहां विपक्ष द्वारा संसद को नहीं चलने देने का आरोप लगाया जा रहा है, वहीं कांग्रेस की ओर से यह आरोप लगाया गया कि सरकार, संसद को नहीं चलने दे रही है. वह जानबूझकर संसद के सुचारू संचालन में बाधा उत्पन्न कर रही है. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि ‘आज दोनों सदनों में कोई नारेबाजी या हंगामा नहीं हो रहा था और विपक्षी पार्टियां मणिपुर, अदानी, संभल हिंसा पर चर्चा करना चाहती थीं, लेकिन मोदी सरकार नहीं चाहती कि संसद चले.’