संसद की सुरक्षा में चूक मामला: मास्टरमाइंड ललित झा ने किया सरेंडर, पूछताछ के बाद पुलिस ने स्पेशल सेल को सौंपा
ललित, सागर और मनोरंजन करीब एक साल पहले मैसूर में मिले थे, जहां उन्होंने संसद में घुसने की साजिश रची थी. बाद में, उन्होंने नीलम और अमोल को भी साजिश में शामिल कर लिया. पुलिस ने पहले कहा था कि सभी पांचों 10 दिसंबर को एकत्र हुए थे और गुरुग्राम में विशाल शर्मा के आवास पर रुके थे.
संसद की सुरक्षा में चूक मामले का मास्टरमाइंड ललित मोहन झा को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि आरोपी ललित ने दिल्ली के कर्तव्यपथ थाने में खुद सरेंडर किया. वह महेश नाम के शख्स के साथ पहुंचा था. पूछताछ के बाद पुलिस ने दोनों को स्पेशल सेल को सौंप दिया. मालूम हो घटना के बाद ललित झा फरार रल रहा था, जिसकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही थी. इस मामले में पहले ही चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. चारों आरोपियों को कोर्ट ने 7 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. चारों आरोपियों से दिल्ली की स्पेशल सेल पूछताछ कर रही है.
चार आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज
दिल्ली पुलिस ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में आतंकवाद निरोधक कानून (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि वे भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान क्रांतिकारी भगत सिंह द्वारा ‘सेंट्रल असेंबली’ के अंदर बम फेंके जाने जैसी घटना को दोहराना चाहते थे. पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने स्मोक (धुआं) बम का उपयोग करने के बाद संसद में पर्चे फेंकने की योजना बनाई थी. इसने कहा कि उन्होंने तिरंगे भी खरीदे थे.
चारों आरोपियों की चिकित्सीय जांच की गई
गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों-सागर शर्मा (26), मनोरंजन डी (34), अमोल शिंदे (25) और नीलम देवी (37) की चिकित्सीय जांच आधी रात को राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों की एक टीम ने की.
इन धाराओं के तहत मामला दर्ज
पुलिस सूत्रों ने बताया कि संसद मार्ग थाने में यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य) और 18 (साजिश आदि) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 452 (अनधिकार प्रवेश), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 186 (लोकसेवक के सार्वजनिक कार्य निर्वहन में बाधा पहुंचाना) और 353 (लोकसेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
विशाल शर्मा उर्फ विक्की और उसकी पत्नी से भी पूछताछ
पुलिस गुरुग्राम निवासी विशाल शर्मा उर्फ विक्की और उसकी पत्नी से भी पूछताछ कर रही है क्योंकि गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी मंगलवार रात शर्मा के आवास पर रुके थे.
सोशल मीडिया से संपर्क में आए आरोपी
चारों लोग सोशल मीडिया से संपर्क में आए थे और फिर फेसबुक पर भगत सिंह ‘फैन पेज’ से जुड़े थे. मामले में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, अब तक, सभी चारों आरोपियों ने दावा किया है कि उन्होंने खुद ही पूरी घटना की साजिश रची और खुद ही उसे अंजाम दे रहे थे.
ललित, सागर और मनोरंजन करीब एक साल पहले मैसूर में मिले थे
ललित, सागर और मनोरंजन करीब एक साल पहले मैसूर में मिले थे, जहां उन्होंने संसद में घुसने की साजिश रची थी. बाद में, उन्होंने नीलम और अमोल को भी साजिश में शामिल कर लिया. पुलिस ने पहले कहा था कि सभी पांचों 10 दिसंबर को एकत्र हुए थे और गुरुग्राम में विशाल शर्मा के आवास पर रुके थे. अधिकारी ने कहा कि ललित ने अगुवाई की और मनोरंजन को मानसून सत्र के दौरान संसद के सभी प्रवेश द्वारों की रेकी करने (टोह लेने) का निर्देश दिया. उन्होंने कहा, जुलाई में मनोरंजन दिल्ली आया और एक सांसद के नाम पर जारी आंगतुक पास से संसद के अंदर गया. वहां उसे पता चला कि जूतों की तलाशी नहीं होती है.
क्या है पूरा मामला
बुधवार को लोकसभा में जब शून्यकाल चल रहा था, उसी समय सागर शर्मा और मनोरंजन डी दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और उन्होंने ‘केन’ से पीली गैस उड़ाते हुए नारेबाजी की. हालांकि, सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया. लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम ने केन से लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए तानाशाही नहीं चलेगी आदि नारे लगाए. सुरक्षा में चूक की यह घटना 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन हुई.