Parliament Security Breach Case: संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में पांचवें आरोपी ललित झा को आज यानी शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने सात दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है. अब पुलिस ललित झा से पूछताछ कर पूरे मामले को सुलझाने में लगी है. दरअसल पुलिस ने आरोपी झा को कोर्ट में पेश करते हुए उसकी 15 दिनों की रिमांड मांगी थी, लेकिन अदालत ने सात दिनों की रिमांड पर उसे पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस का कहना है कि संसद की सुरक्षा तोड़ने का पूरा मास्टर प्लान ललित झा ने ही बनाया था. यही पूरी साजिश का मास्टरमाइंड था.
क्या था आरोपियों का मकसद
पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि लोकसभा में अफरा-तफरी का माहौल बनाने और परिसर को धुआं-धुआं करने के पीछे आरोपियों का क्या मकसद था. इसके अलावा पुलिस आरोपियों के असली आका का पता लगाने की कोशिश भी कर रही है. इसी कड़ी में कोर्ट में पुलिस ने कहा है कि जिस तरह से आरोपियों ने साजिश रची है उसका पर्दाफाश होना बहुत जरूरी है. मामले की विस्तार से जांच जरूरी है. पुलिस ने कहा इसके लिए आरोपियों से पूछताछ और उनका मोबाइल फोन बरामद करना होगा जिन्हें नष्ट करने की बात कही जा रही है.
कोर्ट में पुसिल ने क्या कहा
विशेष न्यायाधीश हरदीप कौर ने अभियोजन पक्ष की ओर से दाखिल उस अर्जी पर झा को दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेज दिया है, जिसमें कहा गया था कि पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए उससे पूछताछ की जरूरत है. सुनवाई के दौरान अभियोजक ने अदालत को बताया कि झा को गुरुवार की रात गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उससे गहन पूछताछ की गई. लोक अभियोजक ने झा को 15 दिन की हिरासत में भेजे जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि उसने खुलासा किया कि कैसे वह पूरी घटना का साजिशकर्ता है. उसे पूरी साजिश और तौर-तरीकों का खुलासा करना है. पुलिस ने यह भी कहा कि उससे उस फोन के बारे में पूछताछ करने की जरूरत है जिसका वह इस्तेमाल कर रहा था और अभी तक उसका पता नहीं चला है.
पुलिस ने किया यह दावा
पुलिस ने दावा किया कि ललित झा ने स्वीकार किया है कि आरोपियों ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश रचने के लिए कई बार मुलाकात की. पुलिस ने अदालत से कहा कि झा ने खुलासा किया कि वे देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे ताकि वे सरकार को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें. उसने बड़ी साजिश के तहत उन्हें छुपाने और सबूत नष्ट करने के लिए अन्य आरोपियों के फोन ले लिए. उसने खुलासा किया कि जयपुर से दिल्ली जाते वक्त रास्ते में उसने अपना फोन फेंक दिया था. पुलिस ने कहा कि हमले की बड़ी साजिश, अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता और हमले के पीछे के वास्तविक मकसद का पता लगाने के लिए गहन जांच के लिए झा से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है. पुलिस ने कहा कि इसके अलावा, यह पता लगाने के लिए भी उससे पूछताछ की आवश्यकता है कि क्या आरोपी का किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठन से कोई संबंध तो नहीं है.
सदन में कोहराम मचाने का मकसद नौकरी तो नहीं
गौरतलब है कि 13 दिसंबर को सदन में शीत सत्र के दौरान दो आरोपी ने सदन के अंदर और दो आरोपियों ने सदन के बाहर पीला और लाल रंग का धुआं फैलाकर कोहराम मचा दिया था. हालांकि पुलिस ने इस मामले में मास्टरमाइंड समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ऐसा करने के पीछे आरोपियों का मकसद क्या था. आरोपियों में शामिल नीलम के परिजनों का अंदेशा है कि नौकरी नहीं मिलने की हताशा के कारण नीलम ने ऐसा कदम उठाया हो सकता है. नीलम हरियाणा के जींद जिले के घासो खुर्द गांव की रहने वाली है. नीलम की मां सरस्वती देवी कहा इस मामले में कहना है कि नीलम सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी कर रही है. इसी सिलसिले में वो हिसार में एक पेइंग गेस्ट के तौर पर रह रही थी. परिजनों ने कहा कि नीलम 25 नवंबर को घर से हिसार के लिए निकली थी और उन्हें उसके दिल्ली जाने और प्रदर्शन में शामिल होने का पता मीडिया में आई खबरों से चला.
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही है नीलम- परिजन
नीलम के परिजनों का कहना है कि उसने एमए, एमफिल और राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) की परीक्षा उत्तीर्ण की है. सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी वह कर रही है. लेकिन अभी तक नीलम को नौकरी नहीं मिली है. नीलम के परिजनों ने यह भी कहा है कि वह बेरोजगारी और छात्राओं के साथ नाइंसाफी जैसे आंदोलनों में सक्रिय रही है और उसने किसान आंदोलन में भी भाग लिया था. इसके अलावा भी नीलम कई बार समस्याओं को लेकर मुखर हो चुकी है. लेकिन नीलम को छोड़कर बाकी के आरोपियों की बात की जाये तो ऐसा करने के पीछे उनका क्या मकसद हो सकता है.
वीडियो बना रहा था ललित झा
संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले सभी आरोपियों में मास्टरमाइंड ललित झा को माना जा रहा है. जिस समय सदन के बाहर नीलम और अमोल विरोध प्रदर्शन कर रहे थे ललित झा उनका वीडियो बना रहा था. इसके बाद वो मौके से फरार हो गया. वो दिल्ली से भागकर राजस्थान चला गया. राजस्थान में ही रात बिताने के बाद झा वापस दिल्ली आ गया और पुलिस के सामने अपनी गिरफ्तारी दी. इस हमले की जांच कर रही पुलिस ने माना है कि यह एक सुनियोजित हमला है, जिसकी तैयारी आरोपी पहले से कर रहे थे. क्योंकि सभी आरोपी अलग-अलग राज्यों से आये हैं ऐसे में ये योजना बनाकर सदन में आये थे. पुलिस का कहना है बीते डेढ़ साल ये आरोपी इसकी योजना बना रहे थे. जूतों को स्पेशल ऑर्डर देकर बनवाया गया था, ताकी स्मोक क्रैकर्स उसमें फिट हो सके.
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