Parliament Session 2024: 18वीं लोकसभा सत्र आज यानी सोमवार (24 जून) से शुरू हो गया है. सत्र के आगाज के साथ ही विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A केंद्र की मोदी सरकार को घेरने में जुटा दिखा. सत्र शुरू होने के साथ ही कांग्रेस समेत ‘इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने संविधान की कॉपी लेकर अपना विरोध जताना शुरू कर दिया था. संसद के अंदर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच विरोध देखने को मिला लेकिन वहीं सदन के बाहर इससे उलट ही तस्वीर नजर आयी. दरअसल, नए संसद भवन की सीढ़ियों पर कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल और के सुरेश खड़े थे, वहीं जब केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह वहां पहुंचे तो तीनों के बीच काफी दोस्ताना माहौल में थोड़ी देर बातचीत हुई. इस दौरान गिरिराज सिंह ने के वेणुगोपाल को गले भी लगाया.
भारतीय लोकतंत्र की दिखी खूबसूरती
इसे भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती ही कहा जाएगा कि सदन के अंदर तमाम राजनीतिक विरोध को दरकिनार कर जब सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद मिलते हैं तो उनमें आपसी कड़वाहट नहीं होती. विचारों के मतभेद होने के बाद भी उनमें मन-भेद नहीं होता. वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि गिरिराज सिंह और केसी वेणुगोपाल आपस में गले मिल रहे हैं. सुखद माहौल में एक दूसरे से बात कर रहे हैं. आपस में कोई गिला शिकवा नहीं है. साथ में के सुरेश भी हैं वो भी गिरिराज सिंह के साथ हंसकर बात कर रहे हैं उनसे हाथ मिला रहे हैं.
के सुरेश को प्रोटेम स्पीकर बनाने की मांग
कांग्रेस सांसद के सुरेश को प्रोटेम स्पीकर बनाने की मांग कर रही थी. लेकिन कांग्रेस नेता के सुरेश की जगह सातवीं बार के बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है. इसको लेकर बीते दिनों कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि परंपरा के अनुसार जिस सांसद ने संसद में अधिकतम कार्यकाल पूरा किया है उसे प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाना चाहिए. ऐसे में वरिष्ठता के हिसाब से के सुरेश को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना चाहिए था. इस बात को लेकर कांग्रेस समेत I.N.D.I.A ब्लॉक के नेताओं ने सोमवार को सदन में विरोध भी जताया. I.N.D.I.A. ब्लॉक के नेताओं ने संसद परिसर में संविधान की कॉपी लेकर विरोध दर्ज की.
बता दें, अठारहवीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार को शुरू हुआ जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कैबिनेट मंत्रियों के बाद राज्य मंत्रियों ने सदन की सदस्यता की शपथ ग्रहण की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन के नेता होने के नाते सबसे पहले, लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली. प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही शुरू कराई और सदस्यों को शपथ दिलाई. प्रधानमंत्री के बाद कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली और इसके पश्चात मोदी की मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्यों ने शपथ ग्रहण की. कैबिनेट मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और अन्य राज्य मंत्रियों ने लोकसभा की सदस्यता की शपथ ली.