Parliament Special Session: जब क्रांतिकारी भगत सिंह ने फेंके थे बम, भारत की गाथा का गवाह रहा पुराना संसद भवन

Parliament Special Session: केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक, पांच दिनों के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया है. पुराने संसद भवन में पहली बार 24 जनवरी, 1927 को तीसरी विधानसभा का सत्र बुलाया गया. जानें पुराने संसद भवन की खास बातें

By Prabhat Khabar News Desk | September 16, 2023 8:49 AM

Parliament Special Session: वर्ष 1927 से देश की गाथा का गवाह रहा पुराना संसद भवन अब इतिहास के पन्नों में सिमट जायेगा. स्व-शासन की ओर पहले कदम से लेकर स्वतंत्रता की सुबह तक और देश के परमाणु शक्ति संपन्न बनने से लेकर चांद पर पहुंचने तक पुराना संसद भवन करीब एक सदी से देश की गाथा का गवाह बना हुआ है.

संविधान निर्माण, महात्मा गांधी की मृत्यु की घोषणा और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा बांग्लादेश में पाकिस्तानी सेना के बिना शर्त आत्मसमर्पण की घोषणा का भी साक्षी रहा है. देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का दिल को छू लेने वाला भाषण, लाल बहादुर शास्त्री के शांत, लेकिन दृढ़ संकल्प, इंदिरा गांधी की वाक्पटुता, अटल बिहारी वाजपेयी की काव्य प्रतिभा और नरेंद्र मोदी की शक्तिशाली भाषणकला संसद के कक्षों में गूंजी है. बता दें कि पुराना संसद भवन की आधारशिला 12 फरवरी, 1921 को ड्यूक ऑफ कनॉट प्रिंस आर्थर ने रखी थी, जबकि इसका उद्घाटन 18 जनवरी, 1927 को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने किया था.

आजादी की लड़ाई से लेकर अब तक के सफर में कई ऐतिहासिक पल

-18 जनवरी, 1927 को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने किया था उद्घाटन

-12 फरवरी, 1921 को ड्यूक ऑफ कनॉट प्रिंस आर्थर ने रखी थी आधारशिला

-तत्कालीन पीएम लाल बहादुर शास्त्री ने देश से हर हफ्ते एक समय भोजन छोड़ने की अपील की थी.

-22 जुलाई, 1974 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पोखरण में परमाणु परीक्षण को लेकर संसद को बताया.

-21 जुलाई, 1975 को तत्कालीन उप गृहमंत्री एफएच मोहसिन ने लोकसभा में आपातकाल की घोषणा की थी.

-मई 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी ने भारत को परमाणु हथियार संपन्न देश घोषित किया.

-30 जून, 2017 की आधी रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश में जीएसटी लागू करने का एलान किया.

जब क्रांतिकारी भगत सिंह ने फेंके थे बम

पुराने संसद भवन में पहली बार 24 जनवरी, 1927 को तीसरी विधानसभा का सत्र बुलाया गया. करीब दो साल बाद आठ अप्रैल, 1929 को क्रांतिकारी भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने विवादास्पद व्यापार विवाद विधेयक पारित किये जाने खिलाफ सेंट्रल असेंबली में बम फेंके थे.

भारत की आजादी का किया गया था एलान : इसी भवन में भारत के स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर संविधान सभा की बैठक 14 अगस्त, 1947 की रात 11:00 बजे राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में हुई. सुचेता कृपलानी ने विशेष सत्र में वंदे मातरम् का पहला छंद गाया. प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अपना प्रसिद्ध ‘नियति से साक्षात्कार’ भाषण दिया.

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बापू की मृत्यु की घोषणा, रो पड़ा था देश: 2 फरवरी, 1948 को तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष जीवी मावलंकर ने महात्मा गांधी की मृत्यु की घोषणा की. कहा कि आज हम एक दोहरी आपदा की छाया में बैठक कर रहे हैं. हमारे युग की सबसे कद्दावर हस्ती का दुखद निधन हो गया है. वहीं, नेहरू ने कहा कि एक गौरव चला गया है. हमारे जीवन को गर्म और उज्ज्वल करने वाला सूर्य अस्त हो गया है.

नये भारत के ‘लोकतंत्र का मंदिर’

अतिभव्य नया संसद भवन आधुनिक सुविधाओं से लैस है. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल 28 मई को किया था. इसकी दीवारों और गलियारों में प्रदर्शित कलाकृतियां वैदिक काल से लेकर आज तक भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं की कहानियां बयां करती हैं. भवन पूर्णत: डिजिटल है. लोकसभा और राज्यसभा कक्ष अत्याधुनिक ऑडियो-विजुअल सिस्टम से लैस हैं. मतदान प्रणाली से लेकर विधायी कार्यवाही तक डिजिटल होंगे. नये संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास सेंगोल स्थापित किया गया है.

आइए जानें : ऐसा है देश की संसद का नया भवन

-64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में बना है

-1,272 सांसद बैठ सकते हैं एक साथ

-888 सीट : लोकसभा

-384 सीट : राज्यसभा

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-06 कक्ष समिति के लिए

-92 कमरे हैं मंत्रियों के लिए

-5,000 कलाकृतियां लगी हैं

-कांस्टीटयूशन हॉल में भारतीय संविधान की डिजिटल प्रति रखी गयी है

-पृथ्वी के घूर्णन को प्रदर्शित करने के लिए ‘फौकॉल्ट पेंडुलम’ लगा है

-नये संसद भवन को बनाने के लिए देशभर से सामान लाये गये हैं

तीन प्रवेश द्वार: नये संसद भवन में तीन द्वार हैं- ज्ञान, शक्ति और कर्म द्वार. सांसदों और वीवीआइपी के लिए अलग-अलग द्वार बनाये गये हैं. सार्वजनिक प्रवेश द्वार तीन दीर्घाओं की ओर जाते हैं. संगीत गैलरी, स्थापत्य गैलरी और शिल्प गैलरी. ये तीनों भारत के विविधताओं को दर्शाते हैं.

मोर और कमल से दर्शाया गया है लोकसभा व राज्यसभा को: लोकसभा के कक्ष को राष्ट्रीय पक्षी मोर और राज्यसभा के कक्ष को राष्ट्रीय फूल ‘कमल’ से दर्शाया गया है. लोकसभा और राज्यसभा कक्षों में ‘फाल्स सीलिंग’ के लिए स्टील की संरचना केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव से मंगायी गयी है.

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विरासत से पूर्ण : नये संसद भवन में तीन औपचारिक अग्रदीर्घाएं हैं, जहां महात्मा गांधी, चाणक्य, गार्गी, सरदार वल्लभभाई पटेल, बीआर आंबेडकर और कोणार्क के सूर्य मंदिर के रथ के पहिये की पीतल की विशाल मूर्तियां प्रदर्शित की गयी हैं.

‘संसद कैफेटेरिया’ : अब कैंटीन से ऑनलाइन खाना मंगा सकेंगे सांसद

नये संसद भवन की कैंटीन भी अब डिजिटल हो गयी है. भारतीय पर्यटन विकास निगम ने ‘संसद कैफेटेरिया’ मोबाइल ऐप बनाया है. इस ऐप के माध्यम से सांसद और संसद भवन के कर्मचारी ऑनलाइन ऑर्डर देकर कैंटीन से खाना मंगा सकेंगे. साथ ही इस ऐप के जरिये ऑनलाइन पेमेंट भी कर सकते हैं. ‘संसद कैफेटेरिया’ ऐप एंड्राॅयड और एप्पल, दोनों फोन पर उपलब्ध होगा. यूजर्स एंड्राॅयड प्लेस्टोर और एप्पल प्ले स्टोर से इसे डाउनलोड कर सकते हैं.

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