Parliament : राज्यसभा में भी नेहरू का जिक्र, निर्मला सीतारमण ने कहा- मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी को भेजा जेल

Parliament : राज्यसभा में संविधान पर चर्चा जारी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पंडित नेहरू का जिक्र करते हुए कांग्रेस को घेरा.

By Amitabh Kumar | December 16, 2024 12:10 PM
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Parliament : लोकसभा में संविधान पर चर्चा का पीएम मोदी ने जवाब शनिवार को दिया था. सोमवार यानी आज से राज्यसभा में संविधान पर चर्चा हो रही है. इसकी शुरुआत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की. उन्होंने एक बार फिर सदन में देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू का नाम लिया. सीतारमण ने कहा, ”लोकतंत्र जिस प्रकार से आगे बढ़ रहा है, यह हमारे लिए गौरव की बात है.”

सीतारमण ने कहा, ”1950 में सुप्रीम कोर्ट ने कम्युनिस्ट पत्रिका ‘क्रॉस रोड्स’ और आरएसएस की संगठनात्मक पत्रिका ‘ऑर्गनाइजर’ के पक्ष में फैसला सुनाया था, लेकिन इसके जवाब में, (तत्कालीन) अंतरिम सरकार ने सोचा कि पहले संविधान संशोधन की जरूरत है. इसे कांग्रेस द्वारा लाया गया था. यह अनिवार्य रूप से स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए था. इसलिए भारत, एक लोकतांत्रिक देश जो आज भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गर्व करता है, ने पहली अंतरिम सरकार को एक संविधान संशोधन के साथ आते देखा. इसका उद्देश्य भारतीयों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाना था.”

मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी को भेजा जेल: सीतारमण

राज्यसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ”मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी दोनों को 1949 में जेल भेजा गया था. 1949 में मिल मजदूरों के लिए आयोजित एक बैठक के दौरान, मजरूह सुल्तानपुरी ने जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ लिखी गई एक कविता सुनाई. इसलिए उन्हें जेल जाना पड़ा. उन्होंने इसके लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया और उन्हें जेल जाना पड़ा. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का कांग्रेस का रिकॉर्ड इन दो लोगों तक ही सीमित नहीं था. 1975 में माइकल एडवर्ड्स द्वारा लिखी गई राजनीतिक जीवनी ‘नेहरू’ पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. उन्होंने ‘किस्सा कुर्सी का’ नामक एक फिल्म पर भी प्रतिबंध लगा दिया, क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे पर सवाल उठाए गए थे.”

42वें संविधान संशोधन पर जोरदार हंगामा

वित्त मंत्री मंत्री निर्मला सीतारमण ने 42वें संविधान संशोधन का जिक्र राज्यसभा में किया. उन्होंने कहा कि संसद के विस्तारित कार्यकाल में विपक्ष के सदस्यों को जेल में डाला गया, इसके बाद संशोधन किया गया. बाद में 1978 में मोरारजी देसाई की सरकार 42वें संशोधन के प्रावधान हटाने के लिए 44वां संशोधन लेकर आई. इस पर सदन में जोरदार हंगामा हुआ.

किन मुद्दों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतरामण ने कांग्रेस को घेरा?

वित्त मंत्री ने पहली अंतरिम सरकार से ही संविधान के प्रावधानों पर कैंची चलाने का जिक्र चर्चा के दौरान किया. साथ ही नेहरू की सरकार के अभिव्यक्ति की आजादी पर कैंची चलाने और संविधान सभा के सदस्य कामेश्वर सिंह तक का उल्लेख करके कांग्रेस को घेरा. उन्होंने मजरुह सुल्तानपुरी के पंडित नेहरू के खिलाफ कविता लिखने के लिए गिरफ्तार किए जाने का भी जिक्र किया. राज्यसभा में सीतारमण ने यह भी कहा कि हमें वादों के साथ देश को आगे बढ़ाने की जरूरत है.

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