Parliament : ‘एक देश, एक चुनाव’ पर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने, लोकसभा में हो सकता है हंगामा
Parliament : 'एक देश, एक चुनाव' के विरोध में लोकसभा में कांग्रेस की ओर से नोटिस दिया गया है. संविधान संशोधन विधेयक पर लोकसभा में हंगामा हो सकता है.
Parliament : सदन की कार्यवाही शुरू हो चुकी है. लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए संविधान संशोधन विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. इस बीच कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के विरोध में लोकसभा में नोटिस दिया है. एनसीपी (शरद गुट) सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, ”हम मांग कर रहे हैं कि जेपीसी होनी चाहिए और चर्चा होनी चाहिए. हमारी पार्टी जेपीसी की मांग कर रही है.
समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, ”समाजवादी पार्टी विधेयक के पेश होने के समय ही इसका विरोध करेगी. यह विधेयक बहुत ही अस्पष्ट है. वहीं केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, ”एक राष्ट्र, एक चुनाव देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है. यह किसी पार्टी या किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं है, यह देश के लिए है. जब विधेयक पेश किया जाएगा, तो मुझे उम्मीद है कि देश कांग्रेस को नकारात्मक खेल खेलते हुए देखेगा. जब भारत को आजादी मिली, तो 2 दशकों तक भारत में एक राष्ट्र, एक चुनाव था.”
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, ‘संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024 को दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेजा जा सकता है. लोकसभा के एजेंडे के अनुसार, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए विधेयक पेश करेंगे. इसके बाद, वह स्पीकर ओम बिरला से अनुरोध कर सकते हैं कि वे विधेयक को व्यापक विचार-विमर्श के लिए संसद की संयुक्त समिति को भेजा जाए. इस विधेयक को पिछले सप्ताह मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल चुकी है. इसमें केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी और दिल्ली के चुनावों को एक साथ लाने का प्रावधान है. जैसा कि प्रावधानों से संकेत मिल रहा है, एक साथ चुनाव कराने की प्रक्रिया 2034 तक नहीं होगी.
विधेयक में क्या कहा गया है?
13 दिसंबर की रात विधेयक की प्रति सामने आई. इसके अनुसार, यदि लोकसभा या किसी राज्य की विधानसभा अपने पूर्ण कार्यकाल की समाप्ति से पहले भंग हो जाती है, तो ऐसे में उस विधानसभा के शेष 5 वर्ष के कार्यकाल को पूरा करने के लिए ही मध्यावधि चुनाव कराए जाएंगे. विधेयक में अनुच्छेद 82(ए) (लोकसभा और सभी विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव) जोड़ने और अनुच्छेद 83 (संसद के सदनों की अवधि), 172 और 327 (विधानसभाओं के चुनावों के संबंध में प्रावधान करने की संसद की शक्ति) में संशोधन करने का सुझाव इसमें दिया गया है.