लोकसभा से कृषि कानून वापसी बिल पास हो गया है. किसानों के मुद्दे पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो विपक्ष फिर से हंगामा करने लगा. इस हंगामे के बीच कृषि कानून वापसी बिल पास करने का काम किया गया.
इसके बाद राज्य सभा में भी इसे पेश किया गया और पास कर दिया गया. यहां चर्चा कर दें कि लोकसभा में कृषि कानून वापसी बिल कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पेश किया. लोकसभा में कृषि कानूनों की वापसी का बिल पास होने को लेकर कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम बहस करना चाहते थे.
तीनों विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए लाया गया एक विधेयक कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में चर्चा के लिए पेश किया जिसे पास भी कर दिया गया. संसद के दोनों सदनों ने कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के ही मंजूरी प्रदान कर दी.
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कांग्रेस ने लोकसभा में चर्चा के बिना कृषि विधि निरसन विधेयक को पारित कराए जाने को लेकर सोमवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर सदन में चर्चा होती तो उसे किसानों के मुद्दों पर हिसाब और जवाब देना पड़ता. हम इसपर बहस करना चाहते थे. जहां कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम बहस करना चाहते थे. वहीं पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि तीनों कृषि विरोधी काले क़ानूनों को ना पारित करते चर्चा हुई, न ख़त्म करते हुए चर्चा हुई. क्योंकि चर्चा होती तो…हिसाब देना पड़ता, जबाब देना पड़ता…
यहां बता दें कि पिछले साल सितंबर महीने में केंद्र सरकार विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 लाई थी. करीब एक साल से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की मुख्य मांग इन तीनों कानूनों को रद्द करना थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को पिछले दिनों इन कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी.
लोकसभा अध्यक्ष ने आज जैसे ही प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू करने को कहा, वैसे ही कांग्रेस सहित कुछ दलों के सदस्य अपने स्थान से शोर शराबा करने लगे. शोर शराबे के बीच ही एक प्रश्न को लिया गया. विपक्षी सदस्य ‘किसानों को न्याय दो’ के नारे लगा रहे थे. इस दौरान अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से शांत रहने की अपील करते हुए कहा कि देश की जनता चाहती है कि सदन की कार्यवाही चले, ऐसे में जनता की भावना और सदन की मर्यादा का ध्यान रखें. उन्होंने कहा कि जनता से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर अपनी बात रखें एवं परंपराओं का ध्यान रखें. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दी.
Posted By : Amitabh Kumar