Parliament Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से होगा शुरू, पुराने भवन में होंगी बैठकें
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए बताया कि संसद का शीतलाकीन सत्र 7 दिसंबर 2022 से शुरू होगा और 29 दिसंबर तक चरोगा, जिसमें 23 दिनों में 17 बैठकें आयोजित की जायेंगी.
संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू होकर 29 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान 23 दिनों में 17 बैठकें होगी. केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अमृत काल के दौरान चल रहे सत्र में विधायी कार्य और अन्य विषयों पर चर्चा होने की उम्मीद है. वहीं, रचनात्मक बहस होने की उम्मीद है.
Winter Session, 2022 of Parliament will commence from 7 December & continue till 29th December having 17 sittings spread over 23 days. Amid Amrit Kaal looking forward to discussions on Legislative Business & other items during the session. Looking forward for constructive debate. pic.twitter.com/4LnYvEaUmd
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) November 18, 2022
सत्र के दौरान होंगी 17 बैठकें
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए बताया कि संसद का शीतलाकीन सत्र 7 दिसंबर 2022 से शुरू होगा और 29 दिसंबर तक चरोगा, जिसमें 23 दिनों में 17 बैठकें आयोजित की जायेंगी. जोशी ने आगे कहा, अमृत काल के बीच चलने वाले इस सत्र के दौरान विधायी कार्यों की चर्चा के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है. उन्होंने आगे कहा कि संसद में इस सत्र के दौरान रचनात्मक बहस होने की उम्मीद है.
पुराने संसद भवन में शीतकालीन सत्र का आयोजन
जोशी नें पुराने संसद भवन की तस्वीर को साझा करते हुए यह जानकारी दी है. वहीं, मिल रही जानकारी के अनुसार 7 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र का आयोजन पुराने संसद भवन में होने की संभावना है. बताते चले कि नए संसद भवन का भी उद्घाटन दिसंबर महीने में भी होने की संभावना है. नए संसद भवन का निर्माण लगभग 1,200 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है. केंद्रीय मंत्री जोशी इन दिनों भाजपा की ‘संसद प्रवास योजना’ के तहत हैदराबाद में हैं.
शीतकालीन सत्र में देखा गया बदलाव
आमतौर पर शीतकलीन सत्र का आयोजन नवंबर में शुरू किया जाता रहा है. लेकिन 2014 के बाद से ऐसा कई दफा देखा गया है कि शीतकालीन सत्र दिसंबर महीन में आयोजित किए गए हैं. बताते चले कि शीतकालीन सत्र के दौरान करीब 20 बैठकें आयोजित की जाती रही हैं.