नयी दिल्ली : अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने संबंधी सरकार के महत्वाकांक्षी गगनयान कार्यक्रम को इसके महत्व के अनुरूप बजट आवंटन नहीं किये जाने पर संसद की विभाग संबंधी स्थायी समिति ने चिंता जाहिर की है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतरिक्ष विभाग संबंधी संसद की स्थायी समिति की शुक्रवार को दोनों सदनों में पेश रिपोर्ट के अनुसार, ‘गगनयान कार्यक्रम वैश्विक महत्व के साथ ही एक बहुत प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रयास है, लेकिन 2020-21 का बजटीय आवंटन इसके महत्व को नहीं दर्शाता है.’
राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश की अध्यक्षता वाली समिति ने अंतरिक्ष विभाग के प्रतिवेदन के आधार पर रिपोर्ट में कहा कि गगनयान कार्यक्रम के तहत अगस्त, 2022 में स्वतंत्रता की 75वीं सालगिरह से पहले अंतरिक्ष यात्रियों के एक दल को अंतरिक्ष में भेजने की योजना है. विभाग ने समिति को बताया कि गगनयान कार्यक्रम को साकार करने के लिए 2020-21 में 4256.78 करोड़ रुपये मांगे गये थे, लेकिन इसके लिए सिर्फ 1200 करोड़ रुपये का ही बजट आवंटन किया गया है. इसके मद्देनजर समिति ने गगनयान कार्यक्रम के लिए संशोधित बजट अनुमान में 3000 करोड़ रुपये की वृद्धि किये जाने की सिफारिश की है.
समिति ने अंतरिक्ष अनुप्रयोग कार्यक्रम के अंतर्गत विभाग द्वारा शुरु की गयी विभिन्न गतिविधियों और ‘इंनसेट उपग्रह प्रणाली’ के कार्य निष्पादन पर संतोष व्यक्त किया है. हालांकि, समित ने ‘इनसेट 3′ उपग्रहों के लिए आवंटित बजट राशि के कम उपयोग पर चिंता भी जतायी है.