संसद का मानसून सेशन 2021 : 19 जुलाई से शुरू होगा 17वीं लोकसभा का छठा, जानिए क्या-क्या उठाए जा सकते हैं मुद्दे
राज्यसभा के आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने राज्यसभा की बैठक को 19 जुलाई को बुलाया है. सत्र का समापन 13 अगस्त को होना है. अधिकारियों ने बताया कि मानसून सत्र का आयोजन कोरोना संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए होगा और सामाजिक दूरी का ख्याल रखा जाएगा. दोनों सदनों की बैठक एक ही समय पर होगी.
नई दिल्ली : संसद का मानसून सत्र आगामी 19 जुलाई से शुरू होकर 13 अगस्त तक चलेगा. लोकसभा और राज्यसभा दोनों की ओर से जारी आधिकारिक आदेश जारी किए गए हैं. लोकसभा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 17वीं लोकसभा का छठा सत्र 19 जुलाई यानी सोमवार को शुरू होगा. मानसून के इस सत्र का अवसान 13 अगस्त (शुक्रवार) को हो सकता है.
राज्यसभा के आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने राज्यसभा की बैठक को 19 जुलाई को बुलाया है. सत्र का समापन 13 अगस्त को होना है. अधिकारियों ने बताया कि मानसून सत्र का आयोजन कोरोना संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए होगा और सामाजिक दूरी का ख्याल रखा जाएगा. दोनों सदनों की बैठक एक ही समय पर होगी. ताजा आंकड़ों के अनुसार, लोकसभा के 444 और राज्यसभा के 218 सदस्यों को टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है. राज्यसभा की ओर से बताया गया है कि इस सत्र में कुल 19 बैठकें होंगी.
मीडिया की खबरों के अनुसार, कोरोना काल के दूसरे साल में आयोजित होने वाली संसद के मानसून सत्र में जोरदार हंगामा होने के पूरे आसार हैं. इसका कारण यह है कि पिछले साल के अक्टूबर महीने के बाद से ही देश के किसान संसद से पास तीन कृषि कानूनों के विरोध में लगातार करीब 7 महीने से आंदोलनरत हैं। किसानों के इस आंदोलन के समर्थन में मुद्दा उठाने के लिए विपक्ष ने पूरी तरह से कमर कस ली है.
इसके आलावा, सूत्रों की ओर से मिल रही जानकारी के अनुसार, विपक्ष ने कोरोना प्रबंधन को लेकर भी संसद में विरोध करने का मन बना लिया है. इसमें कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संक्रमितों के इलाज के लिए देश में चरमराई चिकित्सा व्यवस्था, कोरोना से हुई मौत, ऑक्सीजन की कमी, टीकाकरण अभियान के तहत राज्यों में कोरोना रोधी टीकों की जोरदार कमी को लेकर मुद्दे उठाए जा सकते हैं.
सूत्रों के हवाले से खबर यह भी है कि आतंरिक तौर पर संसद के मानसून सत्र के पहले कांग्रेस को छोड़कर अन्य विपक्षी दलों के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार पर हुई बैठक में निर्धारित एजेंडों का अनुपालन किया जाएगा. हालांकि, यह बात दीगर है कि देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस अपने ही एजेंडे पर कायम रहेगी.