अब हम आयुर्वेद के जरिये भी COVID-19 के मरीजों को कर सकते हैं ठीक : आचार्य बालकृष्ण
पतंजलि के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) आचार्य बालकृष्ण ने शनिवार को कहा कि अब हम यह कह सकते हैं कि COVID-19 के मरीजों को आयुर्वेद के जरिये भी ठीक कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी दवाओं को लेने के बाद 5 से 14 दिनों में कोविड-19 के मरीज ठीक हो जा रहे हैं और टेस्ट में उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब हम क्लिनिकल ट्रायल कर रहे हैं और आगामी 4 से 5 दिनों के अंदर इसकी रिपोर्ट और आंकड़ों को पेश करेंगे.
नयी दिल्ली : पतंजलि के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) आचार्य बालकृष्ण ने शनिवार को कहा कि अब हम यह कह सकते हैं कि COVID-19 के मरीजों को आयुर्वेद के जरिये भी ठीक कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी दवाओं को लेने के बाद 5 से 14 दिनों में कोविड-19 के मरीज ठीक हो जा रहे हैं और टेस्ट में उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब हम क्लिनिकल ट्रायल कर रहे हैं और आगामी 4 से 5 दिनों के अंदर इसकी रिपोर्ट और आंकड़ों को पेश करेंगे.
पतंजलि के बालकृष्ण ने कहा कि कोरोना के आतिे ही हमने वैज्ञानिकों की एक टीम का गठन किया. पहले सिमुलेशन की गयी और ऐसे कंपाउंड्स ढुंढे गये, जो वायरस से लड़ सकें. हमने स्टडी के आधार पर हर तरह के कोरोना मरीज गंभीर से अत्यंत गंभीर पर इनका टेस्ट किया. इसमें हमें 100 फीसदी प्रभावी रिजल्ट मिले हैं.
बता दें कि बीते दो दिन पहले पतंजलि योगपीठ ने दावा किया था कि उसने कोरोना की दवा खोज ली है और यह कारगर भी साबित हुई है. दुनिया भर में कोरोना वायरस या फिर कोविड-19 की कारगर दवा खोजने और वैक्सीन बनाने पर रिसर्च चल रही है. अगर सही मायने में पतंजलि की ओर से कोविड-19 के लिए तैयार दवा कारगर साबित होती है, तो यह दुनिया भर में अनोखा काम होगा.
Also Read: बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण को मिला UN का सम्मान
बताते चलें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने और इसके मरीजों के इलाज की दवा तैयार करने में दुनियाभर की कई कंपनियां लगी हुई हैं. इसमें भारत में सन फार्मा सहित करीब आधा दर्जन से अधिक कंपनियां क्लिनिकल ट्रायल के स्तर तक पहुंच गयी हैं. इन कंपनियों में से कई ने यह दावा भी किया है कि कोविड-19 की यह दवा 2021 से पहले बाजार में उपलब्ध नहीं हो सकेगी. ऐसी परिस्थिति में यदि पतंजलि ने आयुर्वेद में इसकी दवा ढूंढ़ निकाला है, तो यह पूरी दुनिया के लिए संजीवनी साबित हो सकती है.
आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि कोरोना वायरस इस वक्त भयानक स्थिति में है. जबसे कोरोना वायरस का पता चला है, तभी से पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों की टीम इसकी दवा खोजने में जुट गयी थी. उन्होंने कहा कि गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा के साथ ही कई तरह के रसों द्वारा दवायी बनायी गयी इस दवा का प्रयोग कई हजार कोरोना पॉजिटिव लोगों पर किया गया है. उन्हें ट्रैक किया गया और यह पाया गया कि वे सभी लोग ठीक हो गये.
Posted By : Vishwat Sen