Patiala Violence: पंजाब के पटियाला में शुक्रवार को खालिस्तान विरोधी एक मार्च को लेकर दो समूहों के बीच झड़प की घटना पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को बड़ी प्रतिक्रिया दी है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जो लोग पंजाब की शांति को भंग करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
बता दें कि पटियाला में खालिस्तान विरोधी मार्च को लेकर दो समूहों के बीच झड़प में चार व्यक्ति घायल हुए है. जिसको लेकर वहां के हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है. वहीं, इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि इस समय पटियाला में पूरी तरह से शांति बहाल है. पुलिस प्रशासन ने बेहतरीन काम करते हुए वहां शांति बहाल कराया है.
Strict action will be taken against those jeopardising Punjab's peace: Delhi CM Arvind Kejriwal on Patiala clashes pic.twitter.com/HlZff7HNU5
— ANI (@ANI) April 30, 2022
राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कुछ प्रशासनिक फैसले लिए है. कुछ पुलिस अधिकारी को हटाकर नए लोगों को जिम्मेदारी दी है. राघव चड्ढा ने साथ ही कहा कि पटियाला में हालात और खराब ना हो इसके लिए पुख्ता इंतजाम किया गया है. उन्होंने कहा कि मैं साफ शब्दों में कहना चाहता हूं कि कोई भी शख्स जो पंजाब के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करेगा उसे बख्शा नहीं जाएगा.
इधर, पटियाला की घटना पर पंजाब सीएम भगवंत मान ने कहा कि पटियाला में शांति हो चुकी है. इस मामले में शिवसेना, अकाली दल और कांग्रेस के वर्कर थे. पंजाब के सीएम ने कहा कि ये मामला दो समुदाय का नहीं था, बल्कि दो राजनीतिक पार्टियां के वर्कर आपस में लड़े थे. पुलिस अधिकारियों को बदल दिया गया है. अभी शांति समिति की बैठक चल रही है.
काली माता मंदिर के बाहर झड़प उस समय हुई, जब सिंगला के समूह ने पास के आर्य समाज चौक से खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च शुरू किया था. अधिकारियों ने बताया कि निहंगों सहित कुछ सिख कार्यकर्ता, जो शुरू में दुख निवारण साहिब गुरुद्वारे पर एकत्र हुए थे, मंदिर की ओर बढ़े और उनमें से कुछ ने तलवारें लहराईं. उन्होंने बताया कि उनके जुलूस को भी अधिकारियों से अनुमति नहीं मिली थी. बताया गया कि मंदिर के पास दोनों गुट आमने-सामने आ गए और एक दूसरे पर पथराव किया. जिसके बाद मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए गए और हिंसा को शहर में फैलने से रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात कर दिये गये.