अगर आपने एलआईसी (LIC) यानी भारतीय जीवन बीमा निगम की बीमा पॉलिसी ले रखी है तो आपके लिए एक खुशखबरी है. दरअसल अब EPF(Employee Provident Fund) यानी कर्मचारी भविष्य निधि खाते से भी एलआईसी पॉलिसी का प्रीमियम भरा जा सकता है. दरअसल कोरोना महामारी के दौरान पैदा हुए वित्तिय संकट में इसका लाभ उठाया जा सकता है. इस सुविधा का इस्तेमाल आखिरी तारीख को किस्त के इंतजाम में होने वाली मुश्किलों, बचत किए पैसों के खत्म होने या वेतन कट कर मिलने जैसे कई आर्थिक समस्याओं के दौरान किया जा सकता है.
प्रीमियम भरने के क्या हैं नियम
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इस सुविधा का लाभ पाने के लिए EPFO खाता कम से कम 2 साल पुराना होना चाहिए
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ईपीएफ खाते से LIC प्रीमियम भरने के लिए फॉर्म 14 जमा करना होगा.
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फॉर्म 14 जमा करते समय ईपीएफ खाते( EPF Account) में मौजूद बैलेंस कम से कम दो साल के LIC प्रीमियम के बराबर होनी चाहिए.
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प्रीमियम भुगतान से पहले ईपीएफ खाते का सत्यापन किया जाता है.
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LIC और EPFO दोनों को LIC पॉलिसी और EPF खाते को जोड़ने की अनुमति देनी होती है.
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ये सुविधा केवल LIC के लिए है दूसरी बीमा कंपनी के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.
वहीं, कर और निवेश विशेषज्ञों की मानें तो नौकरीपेशा वालों को इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए सबसे पहले ईपीएफओ को इसकी सूचना देनी होगी. एलआईसी से पॉलिसी की खरीदते वक्त भी इसकी सूचना ईपीएफओ को दिया जा सकता है या कुछ किस्तों के भुगतान के बाद फॉर्म-14 जमा किया जा सकता है. फॉर्म 14 ईपीएफओ की वेबसाइट पर उपलब्ध है. आवेदन को मंजूरी मिलने के बाद ईपीएफ खाते से प्रीमियम भुगतान की तय तारिख से पहले ही प्रीमियम की राशि अपने आप कट जाएगी.
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वहीं, कर और निवेश विशेषज्ञ बलवंत जैन ने इसे वित्तीय संकट के दौरान वरदान बताते हुए कहा कि जिस तरह से कोरोना के दौरान आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था. उसे देखते हुए ये लोगों के लिए एक सौगात है. क्योंकि एक पेशेवर के लिए एलआईसी और ईपीएफ दोनों ही जरूरी है. हालांकि उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल वित्तीय संकट के दौरान ही करें