केंद्र ने राज्यों को आगे कुआं, पीछे खाई जैसी स्थिति में छोड़ दिया है. क्या राज्य सरकारें पेट्रोल और डीजल के वैट के राजस्व को छोड़ सकती हैं, जब तक केंद्र उन्हें अधिक धन या अनुदान नहीं दे. राज्य असमंजस की स्थिति में हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (p chidambaram) ने मोदी सरकार को हमला बोला. बता दें कि शनिवार को केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दामों में बड़ी कटौती की, पेट्रोल पर 8 रुपये तो डीजल पर 6 रुपये एक्साइज ड्यूटी कम की थी.
The notification on reduction of duty on Petrol and Diesel is now available
FM used the words ‘Excise Duty’, but the reduction is in Additional Excise Duty which is not shared with the states
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 22, 2022
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों से अग्रह किया था कि वह वैट कम कर जनता को राहत दें. इस बयान पर चिदंबरम ने सरकार को घेरते हुए कहा राज्यों को राजस्व वैट के माध्यम से आता है. उन्हें पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली ड्यूटी में कम हिस्सा मिल रहा है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज डयूटी में कमी की अधिसूचना उपलब्ध है. वित्त मंत्री ने एक्साइज ड्यूटी शब्द का इस्तेमाल किया, लेकिन कमी अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी में की है, जिसे राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता है.
चिदंबरम ने कल ट्वीट किया था कि केंद्र सरकार उपकरों में कटौती करे, जो राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता है. वहीं, उन्होंने कहा कि राज्यों से किया गया वित्त मंत्री का आह्वान व्यर्थ है. जब वह केंद्रीय उत्पाद शुल्क में एक रुपया की कटौती करती हैं, तो उसका 41 पैसा राज्यों का होता है. इसका मतलब है कि केंद्र ने 59 पैसे और राज्यों ने 41 पैसे की कटौती की है. इसलिए उंगली मत उठाइए.
केंद्र सरकार ने शनिवार को एक्साइज ड्यूटी कम करने का ऐलान किया था. पेट्रोल पर आठ रुपए और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की थी. इससे पेट्रोल की कीमत 9.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल के भाव सात रुपये प्रति लीटर तक कम हुई.