श्रीनगर : कश्मीरी युवाओं का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए हम किसी भी हद तक जायेंगे. पहले जो कानून देश में बनते थे, वे आम जनता और उनक हित सोचकर बनाये जाते थे. उन कानूनों के साथ जनता सहज थी, लेकिन अब जो कानून बन रहे हैं, वे जनता पर थोपे जा रहे हैं. आर्टिकल 370 को हटाकर कश्मीरियों के अस्तित्व पर सवाल किया गया है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. उक्त बातें जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने आज मीडिया के सामने कही.
गौरतलब है कि आर्टिकल 370 को हटाने से पहले सरकार ने महबूबा मुफ्ता को हिरासत में लिया था. वह एक साल से ज्यादा समय तक नजरबंद रहीं थीं. हाल ही में 13 अक्टूबर को उन्हें रिहा किया गया है. रिहाई के बाद महबूबा मुफ्ती ने आर्टिकल 370 को पुन: बहाल करवाने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया है. महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के प्रमुख दलों को साथ समझौता किया है जिसे गुपकार समझौते के नाम दिया गया है. इस समझौते के तहत छह दल आये हैं, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस भी शामिल है.
To protect the future of Kashmiri youth, we will go to any length. Earlier all laws were made in consultation with public & they were people-friendly. But now, laws are being imposed on Kashmiris which are against their existence & we won't tolerate it: PDP Chief Mehbooba Mufti pic.twitter.com/px7B7z1R0c
— ANI (@ANI) November 3, 2020
इस समझौते में शामिल पार्टियां जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा वापस दिलाने और प्रदेश के विभाजन के खिलाफ मोदी सरकार से दो-दो हाथ करने का फैसला किया है. लेकिन उनका कहना है कि हम देश विरोधी नहीं हैं हम संविधान के दायरे में रखकर अपने हक की आवाज उठायेंगे.
Also Read: PIB Fact Check : गृह मंत्रालय ने जारी की नयी Guideline, 30 नवंबर तक नहीं खुलेंगे स्कूल- कॉलेज
नजरबंदी के बाद जब महबूबा मुफ्ती ने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो उनपर तिरंगे के अपमान का आरोप लगा, क्योंकि उन्होंने अपनी टेबल पर पार्टी और जम्मू-कश्मीर का झंडा लगाया था तिरंगे को नहीं. उन्होंने कहा कि जबतक मुझे अपना झंडा यानी जम्मू-कश्मीर का झंडा उठाने का हक नहीं मिलेगा मैं कोई झंडा नहीं उठाऊंगी. उनके इस बयान की निंदा उनकी अपनी पार्टी में भी हुई थी. कांग्रेस ने भी उन्हें ऐसे बयान से बचने को कहा था.
Posted By : Rajneesh Anand