Pegasus Spyware Case: पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Spyware Case) में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर आज यानी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अपना फैसला सुनाएगा. इसी के साथ आज यह साफ हो जाएगा कि पेगासस कांड (Pegasus Spyware Case) में कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच होगी या नहीं. चीफ जस्टिस, जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस हिमा कोहली की खंडपीठ ने 13 सितंबर की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.
इससे पहले सरकार ने इस मामले में निष्पक्ष विशेषज्ञ कमेटी बनाने की बात कही थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने इसका पूरजोर विरोध किया था. वहीं, चीफ जस्टिस एन वी रमना ने मामले पर कहा था कि वे एक कमिटी के गठन पर विचार कर रहे हैं. लेकिन कुछ विशेषज्ञ ने कमेटी में शामिल होने में अपनी असमर्थता जताई है. बता दें, याचिकाकर्ता पक्ष की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, श्याम दीवान, दिनेश द्विवेदी, मीनाक्षी अरोड़ा ने इस मामले में सरकार के रवैये का विरोध किया था.
गौरतलब है कि, पेगासस मामले में केन्द्र सरकार ने विस्तृत हलफनामा दाखिल करने से इनकार किया था. हलफनामा दाखिल न करने के पीछे केन्द्र सरकार का तर्क था कि, इससे कई अहम जानकारी सार्वजनिक हो सकती हैं. जिससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले में कहा था कि हलफनामा दायर करने से देश के दुश्मन उस जानकारी का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में उन्होंने कमेटी बनाने की मांग की थी.
वहीं, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, कोर्ट केन्द्र से सिर्फ यह जानना चाहता है कि क्या पेगासस का इस्तेमाल व्यक्तियों की जासूसी करने के लिए किया गया था या नहीं. कोर्ट ने यह भी पूछा था कि क्या यह कानूनी तरीके से किया गया था. जबकि, केन्द्र ने कोर्ट से अपील की थी कि, यह सार्वजनिक चर्चा का विषय नहीं है. गौरतलबह कि 13 सितंबर को पेगासस मामले की जांच पर अपना फैसला कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया था. अब आज इसपर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. बता दें, पेगासस मामले में नेताओं और पत्रकारों पर जासूसी का आरोप है.
Posted by: Pritish Sahay