पेगासस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल को लेकर दुनिया भर के कई देशों में रोक लगा दी गयी है. कई सरकारों द्वारा इसका इस्तेमाल किया जा रहा था. साइबर सिक्योरिटी फर्म एनएसओ ने दुनियाभर की सरकारों को पेगासस सॉफ्टवेयर की बिक्री पर रोक लगा दी. भारत के साथ- साथ कई देश इसका इस्तेमाल कर रहे थे.
इस संबंध में एनएसओ ने जानकारी दी है कि उसने पेगासस स्पाइवेयर के गलत इस्तेमाल के बाद इसकी बिक्री पर रोक लगा दी है. इस पूरे मामले के सामने आने के बाद सरकारी क्लाइट्स को भी ब्लॉक कर दिया है.
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एनएसओ ग्रुप ने भले ही सरकारी क्लाइंट्स को पेगासस ना बेचने का फैसला लिया है लेकिन यह अभी तक एक राज ही है कि दुनिया की किन-किन सरकारों को पहले पेगासस बेचा गया है. बता दें कि हाल ही में इजरायल की अथॉरिटीज ने जांच के लिए एनएसओ के दफ्तर का दौरा किया है.
अबतक इस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कहां- कहां हो रहा है इसे लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है. कंपनी ने भले ही पेगासस को अब ना बेचने का फैसला लिया है. एनएसओ ने जानकारी दी है कि इसके 40 देशों में 60 से ज्यादा ग्राहक हैं. कंपनी ने दावा किया है कि उसके सभी ग्राहक खुफिया एजेंसियां, कानून लागू करने वाली संस्थाएं और सेना हैं.
कंपनी ने बताया है कि मीडिया रिपोट्स के आने से पहले इसके इस्तेमाल को लेकर यह शिकायत आयी थी कंपनी ने इस पर कार्रवाई करते हुए पांच सरकारी कंपनियों के सॉफ्टवेयर को ब्लॉक कर दिया है.कंपनी ने दावा किया है कि यहआतंकवाद और अपराध से लड़ने के उद्देश्य से बनाया गया है और सेना और खुफिया एजेंसियों को इसी उद्देश्य से बचती है.
हाल में ही इस पर प्रकाशित की गयी रिपोर्ट में कहा गया इस स्पाइवेयर की मदद से पेगासस के जरिए 50 देशों में पत्रकारों, नेताओं, कार्यकर्ताओं और कारोबारियों से जुडे़ 50,000 फोन नंबरों की जासूसी कराई गई.इनमें 189 मीडियाकर्मी, 600 से ज्यादा नेता और सरकारी कर्मचारी, 65 कारोबारी अधिकारी और 85 मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल हैं, जिनके फोन पर नजर रखी गई.