Eye Drop: भारतीय कंपनी के आई ड्रॉप से US में अंधे हो रहे लोग? CDSCO ने मैन्युफैक्चरिंग पर लगाई रोक
कंपनी द्वारा आई ड्रॉप वापस लेने के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और राज्य औषधि नियंत्रक की टीम ने तमिलनाडु में चेन्नई से 40 किलोमीटर दूर कांचीपुरम में संयंत्र का दौरा किया. टीम ने आई ड्रॉप-आर्टिफिशियल टियर्स के नमूने भी एकत्र किए, जिन्हें निर्यात किया गया था.
अमेरिका में आई ड्रॉप से आंखों की रोशनी जाने के मामले में भारतीय औषधि नियामक निकायों (Indian drug regulatory bodies) ने मैन्युफैक्चरिंग पर रोक लगा दी है. यह फैसला तमिलनाडु के ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर के संयंत्र की जांच के एक दिन बाद लिया गया. जांच पूरी होने तक कंपनी कोई भी मैन्युफैक्चरिंग नहीं कर पायेगी.
टीम ने किया कंपनी का दौरा, आई ड्रॉप-आर्टिफिशियल टियर्स के नमूने भी एकत्र किए
कंपनी द्वारा आई ड्रॉप वापस लेने के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और राज्य औषधि नियंत्रक की टीम ने तमिलनाडु में चेन्नई से 40 किलोमीटर दूर कांचीपुरम में संयंत्र का दौरा किया. टीम ने आई ड्रॉप-आर्टिफिशियल टियर्स के नमूने भी एकत्र किए, जिन्हें निर्यात किया गया था. भारत में यह आई ड्रॉप नहीं बेचा जाता है.
कंपनी ने अमेरिका को आई ड्रॉप के 24 बैच की दो खेप किये थे निर्यात
जांच के दौरान, यह पाया गया कि, कंपनी ने अमेरिका को आई ड्रॉप के 24 बैच की दो खेप का निर्यात किया, जिनका निर्माण 2021 और 2022 में हुआ था. रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच के दौरान उक्त बैच का कोई स्टॉक नहीं मिला.
शिकायत के बार वापस मंगायी गयी दवा की खेप
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसएफडीए) ने पूर्व में एक बयान में कहा था कि चेन्नई स्थित कंपनी संभावित खामी के कारण एजरीकेयर, एलएलसी और डेलसम फार्मा द्वारा वितरित सभी आई ड्रॉप को वापस ले रही है.
55 मामले आये सामने
गौरतलब है कि भारतीय कंपनी के आई ड्रॉप से आंखों की रोशनी जाने के बाद कुल 55 मामले सामने आए. यूएसएफडीए ने कहा कि खामी वाले आई ड्रॉप के इस्तेमाल से आंखों में संक्रमण का खतरा हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप अंधापन हो सकता है.