नई दिल्ली : कोयले की कमी के बीच बिजली की आपूर्ति में सुधार होने से आम लोगों को थोड़ी राहत मिली है. सरकार की ओर से जारी आंकड़ों पर भरोसा करें, तो देश में बिजली की खपत में तकरीबन 7.2 करोड़ यूनिट की गिरावट दर्ज की गई है. ऊर्जा मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, बीते शुक्रवार को देश भर में तकरीबन 390 करोड़ यूनिट बिजली की खपत थी, जिसमें 7.2 करोड़ यूनिट की कमी आई है.
मंत्रालय और सरकार का दावा है कि कोयले की कमी के बीच देश भर में बिजली आपूर्ति में सुधार हुआ है. मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, बीते शुक्रवार यानी 8 अक्टूबर 2021 को देश में बिजली की खपत करीब 390 करोड़ यूनिट थी, जो इस महीने अब तक (1-9 अक्टूबर) सबसे ज्यादा थी. बिजली की मांग में तेजी देश में चल रहे कोयला संकट के बीच चिंता का विषय बन गई थी.
ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) द्वारा कोयले की कुल आपूर्ति रोजाना करीब 15.01 लाख टन तक पहुंच गई. इस कारण खपत और आपूर्ति के बीच अंतर कम हो गया. कोयला मंत्रालय और सीआईएल ने आश्वासन दिया है कि वे अगले तीन दिन में बिजली क्षेत्र में कोयले की आपूर्ति को बढ़ाकर रोजाना करीब 16 लाख टन करने की कोशिश जुटे हैं. इसके बाद इसे बढ़ाकर रोजाना करीब 17 लाख टन किया जाएगा.
बिजली प्लांटों में कोयले के भंडार में कमी होने के पीछे चार कारण बताए जा रहे हैं. बताया यह जा रहा है कि कोरोना संक्रमण में कमी आने के साथ आर्थिक गतिविधियों में सुधार होने की वजह बिजली की मांग में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि इस साल के मानसून में भारी बारिश के चलते कोयले के उत्पादन और उसकी ढुलाई करीब-करीब ठप हो गया और थर्मल पावर प्लांटों में स्टॉक जमा नहीं किया जा सका. इसके साथ ही, सरकार की ओर से दलील यह भी दी जा रही है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में बढ़ोतरी होने से कोयले का आयात नहीं किया जा सका.
ऊर्जा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि विभागीय मंत्री आरके सिंह ने थर्मल प्लांटों में कोयले के भंडार की स्थिति की समीक्षा की. इसमें दिल्ली की डिस्कॉम्स को आपूर्ति करने वाले पावर प्लांट शामिल हैं. मंत्री ने निर्देश दिया कि दिल्ली की डिस्कॉम्स को उनकी मांग के अनुरूप बिजली मुहैया कराई जाए. इस बीच, मंत्रालय ने यह चेतावनी भी दी है कि यदि कोई बिजली वितरण कंपनी पीपीए के अनुसार बिजली उपलब्ध होने के बावजूद लोड शेडिंग करती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
कोयला मंत्रालय ने रविवार को यह साफ किया है कि पावर जेनरेशन प्लांटों की जरूरत को पूरा करने के लिए देश में कोयले का पर्याप्त भंडार है. उसने इस बात का भरोसा दिया है कि बिजली प्लांटों की जरूरत को पूरा करने के लिए देश में कोयले का पर्याप्त भंडार है. इसकी वजह से बिजली संकट की आशंका पूरी तरह गलत है. इससे पहले ऐसी खबरें आई थीं कि कोयले की कमी की वजह से देश में बिजली संकट पैदा हो सकता है. इसके बाद मंत्रालय का यह बयान आया है.
वहीं, कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट किया कि देश में कोयले के उत्पादन और आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की. मैं सभी को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि बिजली आपूर्ति में बाधा की कोई आशंका नहीं है. कोल इंडिया के मुख्यालय पर 4.3 करोड़ टन कोयले का भंडार है, जो 24 दिन की कोयले की मांग के बराबर है.
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कोयला मंत्रालय ने कहा कि पावर प्लांटों के पास करीब 72 लाख टन का कोयला भंडार है, जो चार दिन के लिए पर्याप्त है. कोल इंडिया के पास 400 लाख टन का भंडार है, जिसकी आपूर्ति बिजली संयंत्रों को की जा रही है. देश में थर्मल पावर जेनरेशन इस साल सितंबर तक 24 फीसदी बढ़ा है. पावर प्लांटों को आपूर्ति बेहतर रहने की वजह से उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है. पावर प्लांटों को रोजाना औसतन 18.5 लाख टन कोयले की जरूरत होती है, जबकि कोयले की आपूर्ति करीब 17.5 लाख टन है.