नयी दिल्ली : सरकार ने आज सेना में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन को मंजूरी दे दी है. इसके लिए सरकार की ओर से आज औपचारिक पत्र जारी किया गया. सेना में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और उन्हें सशक्त करने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है.
ज्ञात हो कि पांच माह पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा था कि हमें मानसिकता में बदलाव लाना चाहिए और महिलाओं को भी सेना में समान भागीदारी देनी चाहिए. सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा कि सरकार के इस आदेश के बाद सेना की सभी 10 धाराओं में शॉर्ट सर्विस कमीशन के लिए चुनी गयी महिलाओं को स्थायी कमीशन प्राप्त हो जायेगा.
कर्नल आनंद ने कहा कि जिन 10 स्ट्रीम में महिला अधिकारियों का स्थायी कमीशन उपलब्ध कराया जा रहा था, उनमें जज और अधिवक्ता के अलावा हवाई रक्षा, सिग्नल, इंजीनियर, सेना विमानन, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर, सेना सेवा वाहिनी और खुफिया कोर शामिल हैं. साथ ही जेनरल और शैक्षिक कोर भी शामिल है.
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प्रवक्ता ने बताया कि महिलाओं का चयन बोर्ड जैसे ही प्रभावित होगा सभी एसएससी महिला अधिकारी अपने विकल्प का प्रयोग करेंगी और आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध करायेंगी. इससे पहले पुरुष एसएससी अधिकारी 10 साल की सेवा के अंत में स्थायी कमीशन का विकल्प चुन सकते थे, लेकिन यह विकल्प महिला अधिकारियों के लिए उपलब्ध नहीं था. जिसकी वजह से महिलाएं किसी भी कमांड नियुक्ति से बाहर रहती थीं और उन्हें सरकारी पेंशन प्राप्त नहीं होता था,क्योंकि पेंशन की सुविधा एक अधिकारी के रूप में सेवा के 20 साल करने के बाद ही मिलती है.
इसी वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया था संविधान में महिलाओं को समानता का अधिकार प्राप्त है, लेकिन सेना में जो व्यवस्था है वह उनके समानता के अधिकार के विरुद्ध है, इसलिए कोर्ट ने उन्हें स्थायी कमीशन दिये जाने की बात कही थी.
Posted By : Rajneesh Anand