नयी दिल्ली : व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक(Personal Data Protection Bill) को अगले साल संसद के बजट सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है, जिसमें नागरिकों की स्पष्ट सहमति के बिना उनके व्यक्तिगत डेटा के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है. एक सूत्र ने यह जानकारी दी. इस विधेयक के मसौदे को मंत्रिमंडल ने दिसंबर 2019 में मंजूरी दी थी और इसमें निजता के नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के कार्यपालकों को तीन साल तक की सजा और 15 करोड़ रुपये तक जुर्माने का प्रस्ताव है.
सूत्र ने बताया, ‘‘व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक पर संयुक्त समिति का कार्यकाल शीतकालीन सत्र के दूसरे सप्ताह तक बढ़ा दिया गया है. समिति के सुझावों को शामिल करने के बाद अंतिम विधेयक को संसद के बजट सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद हैौ” यह विधेयक फरवरी में लोकसभा में पेश किया गया था, जिसके बाद इसे दोनों सदनों की एक संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया.
इस समिति की अध्यक्षता भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी कर रही हैं. मंत्रिमंडल द्वारा दिसंबर में अनुमोदित मसौदा विधेयक इंटरनेट कंपनियों द्वारा व्यक्तियों के महत्वपूर्ण डेटा को देश के भीतर ही स्टोर करने को अनिवार्य करता है, जबकि किसी व्यक्ति की मंजूरी के बाद ही उसके संवेदनशील डेटा को विदेश भेजा जा सकता है.
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सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2017 के एक फैसले के बाद इस विधेयक का मसौदा तैयार किया है, जिनमें ‘निजता के अधिकार को’ ‘मौलिक अधिकार’ घोषित किया गया था.
Posted By : Rajneesh Anand