केंद्र सरकार के आईटी नियमों को लेकर चर्चा तेज है. कई संगठन इसे संविधान में मिले अधिकारों का हनन करार दे रहे हैं तो दूसरी तरफ सरकार इसे सुरक्षा के लिहाज से जरूरी कदम बता रही है. ऐसे में दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर ‘‘डिजिटल न्यूज मीडिया” का नियमन करने वाले नये आईटी नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.
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यह याचिका क्विंट डिजिटल मीडिया लिमिटेड’ द्वारा दायर की गयी है. 16 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है. इससे पहले इसी तरह की ‘फाउंडेशन फॉर इंडिपेन्डेन्ट जर्नलिज्म’ तथा ‘द वायर’ द्वारा दायर की गई याचिकाओं पर भी इसी के साथ सुनवाई होनी है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है . मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को नोटिस जारी किए.
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कोर्ट ने उन्हें अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया . अदालत ने ‘क्विंट डिजिटल मीडिया लिमिटेड’ द्वारा दायर इस याचिका को संशोधित सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के अनुसार, सोशल मीडिया और स्ट्रीमिंग कंपनियों को शीघ्रता से अपने प्लेटफॉर्म्स से विवादास्पद सामग्री हटानी होगी, शिकायत निवारण अधिकारियों की नियुक्ति करनी होगी और जांच में मदद करनी होगी.
याचिकाकर्ताओ का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता एन रामकृष्णन ने अदालत से अनुरोध किया किया कि सुनवाई की अगली तारीख तक डिजिटल न्यूज मीडिया के खिलाफ किसी भी तरह की कठोर कार्रवाई किये जाने से अंतरिम संरक्षण दिया जाए. हालांकि, पीठ ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया और कहा कि वह आगे चल कर इस बारे में विचार करेगी. क्विंट की निदेशक एवं सह संस्थापक रितु कपूर की याचिका के जरिए आईटी नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है.