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100 रुपये पार पेट्रोल की कीमत
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पीएम मोदी ने कहा, पहले की सरकार ध्यान देती तो ये नहीं होता
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राज्यों ने कीमत में वृद्धि के लिए केंद्र को ठहराया जिम्मेवार
राजस्थान के सीमावर्ती गंगानगर जिले में प्रीमिमय पेट्रोल के बाद सामान्य पेट्रोल के दाम भी बुधवार को 100 रुपये प्रति लीटर को पार कर गए. राजस्थान सहित कई राज्य हैं जहां पेट्रोल की बढ़ी हुई कीमतें शतक के करीब हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बढ़ी हुई कीमतों पर कहा, मध्यम वर्ग को ऐसी कठिनाई नहीं होती अगर पहले की सरकार ने ऊर्जा आयात की निर्भरता पर ध्यान दिया होता.
ईधन की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि का जिक्र किए बिना उन्होंने कहा, 2019-20 में भारत ने अपनी घरेलू मांगों को पूरा करने के लिए 85 प्रतिशत तेल और 53 प्रतिशत गैस का आयात किया है.
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दूसरी तरफ राजस्थान पेट्रोलिमय डीलर ऐसोसिएशन ने पेट्रोल डीजल पर सबसे अधिक मूल्य वर्धित कर वैटल के लिए राज्य सरकार के खिलाफ ‘सद्धबुद्धि यज्ञ’ करवाने का फैसला किया है. एसोसिएशन के अनुसार बुधवार को गंगानगर में पेट्रोल 100.13 रुपये व डीजल 92.13 रुपये प्रति लीटर बिका.
एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई ने कहा,’ राज्य सरकार के खिलाफ विरोध के रूप में हम जल्द ही हनुमानगढ़ में सद्बुद्धि यज्ञ करेंगे. राज्य में इन ईंधन पर सबसे अधिक वैट है. गंगानगर में सामान्य पेट्रोल के दाम भी 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक हो गए हैं .
पिछले महीने ही राजस्थान सरकार ने पेट्रोल व डीजल पर वैट में दो प्रतिशत कमी करने की घोषणा की थी. इस समय पेट्रोल पर वैट 36 रुपये व पथकर 1.5 रुपये प्रति लीटर है. वहीं डीजल पर वैट 26 प्रतिशत व पथकर 1.75 रुपये प्रति लीटर है.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसी सप्ताह विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई बहस का जवाब देते हुए राज्य में पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ने के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया था.
इधर प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, केंद्र ने इन उत्पादों पर वह मूल उत्पाद शुल्क को घटा दिया है जिसमें राज्य सरकारों को हिस्सा मिलता है लेकिन विशेष उत्पाद शुल्क व अतिरिक्त उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया है जिसमें राज्यों की कोई हिस्सेदारी नहीं होती.
तमिलनाडु में प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के रामनाथपुरम- थूथूकुडी खंड का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने उपरोक्त बातें कही, उन्होंने कहा, ‘क्या हमें आयात पर इतना निर्भर होना चाहिए? मैं किसी की आलोचना नहीं करना चाहता लेकिन यह जरूर कहना चाहता हूं कि यदि हमने इस विषय पर ध्यान दिया होता तो हमारे मध्यम वर्ग को बोझ नहीं उठाना पड़ता.