PFI: बीते गुरुवार को एनआईए की संयुक्त कार्रवाई में पीएफआई के कई ठिकानों पर छापेमारी की गयी. इस छापेमारी के दौरान टीम ने 100 से अधिक पीएफआई नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया. उनसे पूछताछ के बाद एनआईए ने केरल की एक विशेष अदालत में रिमांड के लिए दायर अर्जी में कहा है कि पीएफआई, इसके पदाधिकारी, सदस्य और इससे जुड़े लोग केरल में संवेदनशील युवाओं को भड़काकर लश्कर ए ताइबा, आईएस, अलकायदा जैसे आतंकी समूहों में भर्ती करने के लिए तैयार करते थे.
करमन अशरफ मौलवी के न्यायिक हिरासत की मांग
एनआईए का यह दावा है कि ये लोग आतंकी गतिविधि के जरिये भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने की कोशिश कर रहे थे. दायर याचिका में यह भी कहा गया है कि संगठन के सदस्य समुदायों के बीच दुश्मनी भड़काने, सौहार्द को खत्म करने में लगे थे. बता दें कि एनआईए ने यह दावे पीएफआई की शैक्षिक शाखा के प्रभारी करमन अशरफ मौलवी के खिलाफ न्यायिक हिरासत की मांग वाले आवेदन में किए हैं.
‘समाज में खून-खराबा रोकने के लिए जरूरी’
बता दें कि दायर अर्जी में यह साफ लिखा हुआ है कि पीएफआई नेताओं की बनी हिट लिस्ट से साफ दिख रहा है कि पीएफआई अपने नेताओं और सदस्यों के जरिये समुदायों के बीच दुश्मनी भड़काने का काम कर रही थी और इसमें बहुत आगे बढ़ चुकी थी. दस्तावेज के आधार पर एनआईए ने कोर्ट को यह भी बताया कि मामले में आगे की जांच सिर्फ सबूत जुटाने के लिए ही नहीं बल्कि समाज में खून-खराबा रोकने के लिए भी जरूरी है.
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हड़ताल के दौरान हिंसा पूर्वनियोजित- सीएम विजयन
वही केरल में इस छापेमारी के विरोध में हिंसक प्रदर्शन पीएफआई के द्वारा किया गया. इसपर बात करते हुए केरल के सीएम पिनराई विजयन ने कहा है कि शुक्रवार को राज्य में पीएफआई की हड़ताल के दौरान हुई हिंसा पूर्वनियोजित थी. उन्होंने मामले में सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा कि सारी घटना राज्य के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने के लिए की गई थी.