नयी दिल्ली : फाइजर और मॉडर्ना (Pfizer and Moderna) के वैक्सीन के भारत आने का रास्ता साफ होता जा रहा है. इस बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नयी दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria) ने कहा है कि फाइजर का टीका (Corona Vaccine) बच्चों को भी लगाया जा सकता है. कई देशों में इसका ट्रायल चल रहा है. जल्द ही इसके नतीजे आने लगेंगे. ऐसे में भारत में मंजूरी मिलने के बाद इसका इस्तेमाल बच्चों पर भी किया जा सकता है.
सीएनएन-न्यूज 18 से खास बातचीत में डॉ गुलेरिया ने कहा कि फाइजर और मॉडर्ना को क्षतिपूर्ति सुरक्षा देने से बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन भारत आने में मदद मिलेगी. इससे बच्चों का बड़े पैमान पर टीकाकरण किया जा सकेगा. इसके साथ ही 18 प्लस के लोगों के टीकाकरण में भी काफी मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए बच्चों का टीकाकरण जरूरी है.
बता दें कि बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह संकेत दिये थे कि फाइजर और मॉडर्ना को क्षतिपूर्ति सुरक्षा प्रदान की जा सकती है. किसी भी विदेशी वैक्सीन के देश में ट्रायल के बाद ही उसे यहां इस्तेमाल की मंजूरी दी जाती है. ऐसे में ट्रायल के दौरान कोई दुर्घटना होने पर वैक्सीन बनाने वाली कंपनी को क्षतिपूर्ति करनी पड़ती है. वहीं, भारत सरकार दोनों कंपनियों को इससे छूट देने पर विचार कर रही है.
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डॉ गुलेरिया ने कहा कि ऐसा पहले भी हो चुका है कि भारत सरकार ने उन वैक्सीन को देश में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है, जिन्हें अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपियन यूनियन, विश्व स्वास्थ्य संगठन आदि से अनुमोदन मिल चुका है. इस आधार पर लगता है कि भारत में फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी जा सकती है और यह वयस्कों और बच्चों दोनों के लिए फायदेमंद होगा.
पिछले सप्ताह नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने कहा था कि भारत को जल्द ही विदेशी वैक्सीन की खेप मिलनी शुरू हो जायेगी. उन्होंने उम्मीद जतायी थी कि जुलाई तक अमेरिकी कंपनी फाइजर की वैक्सीन भारत आने लगेगी. फाइजर ने दावा भी किया है कि भारत में पाये गये कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी उनकी वैक्सीन असरदार है. सरकार लगातार कंपनी के संपर्क में है.
Posted By: Amlesh Nandan.