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इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में जरूरी है फिजिक्स और मैथ
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अनिवार्यता हटाने के फैसले से सहमत नहीं नीति आयोग
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मैथ फिजिक्स विषय ही इंजीनियरिंग का आधार
इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में फिजिक्स और मैथ जैसे विषय की अनिवार्यता को हटाने के फैसले को नीति आयोग ने विनाशकारी बताया. नीति आयोग के एक सदस्य ने कहा है कि इस इस फैसले से उल्टा असर पड़ेगा. और शिक्षा की गणवत्ता में भी गिरावट आएगी. नीति आयोग का कहना है कि यहीं विषय इंजीनियरिंग का आधार हैं. गौरतलब है कि, नई शिक्षा नीति के तहत इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव करते हुए फिजिक्स और मैथ की अनिवार्यता खत्म कर दी गई थी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, नीति आयोग के सदस्य और वैज्ञानिक वीके सारस्वत ने बीते 11 जून को उपाध्यक्ष राजीव कुमार की अध्यक्षता में एक बैठक की थी. जिसमे नए प्रवेश के लिए मैथ, फिजिक्स और कैमेस्ट्री के बिना भी इजीनियरिंग में प्रवेश लेने के फैसले पर गंभीर आपत्ति जताई थी. बता दें, इस बैठक में एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे समेत उच्च शिक्षा सचिव ने भी हिस्सा लिया था.
इस मामले में नीति आयोग का कहना है कि इंजीनियरिंग के लिए गणित, भौतिकी और रसायनशास्त्र जैसे विषय आधार होते हैं. और अगर इसकी अनिवार्यता हटा देने से छात्र वो बुनियादी चीज नहीं सीख पाएंगे जो एक गणित, भौतिकी और रसायनशास्त्र के छात्र अध्ययन काल में सीखकर दाखिला लेते हैं. इससे शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आएगी.
गौरतलब है कि, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक बड़े बदलाव को मंजूरी दी गई है. नई शिक्षा नीति के मुताबिक, 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ की पढ़ाई किए बिना भी इंजीनियरिंग के बायोटेक्नोलॉजी, टेक्सटाइल और एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग जैसे कुछ पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया जा सकेगा. उस समय तर्क दिया गया था कि फिजिक्स और मैथ जैसे विषय इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए तो जरूरी हैं, लेकिन कुछ खास कोर्स के लिए इसकी कोई खास उपयोगित नहीं हैं.
Posted by: Pritish sahay