PIBFactCheck : सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) के नाम से एक एप्रूवल लेटर वायरल हो रहा है जिसमें मंत्रालय लोन स्वीकृत कर रहा है और प्रोसेसिंग शुल्क के नाम पर एक हजार रूपये भुगतान करने को कह रहा है. इस वायरल लेटर की सच्चाई क्या है इसकी जांच के लिए पीआईबी ने फैक्ट चेक किया है और इसमें जो खुलासा हुआ है, वह चौंकाने वाला है.
पीआईबी फैक्टचेक में यह बताया गया है कि यह पत्र फर्जी है और यह FAKE NEWS है. MSME अपनी किसी भी क्रेडिट स्कीम के लिए व्यक्तिगत लाभार्थियों के साथ सीधे संपर्क नहीं करता है.
चूंकि इन दिनों सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को सरकार की ओर से कई तरह की सहायता उपलब्ध करायी गयी है इसलिए ऐसे फेक न्यूज को वायरल किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य आम लोगों में भ्रम फैलाना हो सकता है. इस वायरल मैसेज में जो पत्र दिखाया जा रहा है उसका फॉर्मेट ऐसे बनाया गया है कि उसे देखकर पढ़ने वाले को वह सही पत्र मालूम होगा.
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पत्र में लोन लेने वाले का नाम भी दिया गया है और लोन स्वीकृत करने वाले अधिकारी का. जिसके कारण इस मैसेज की सत्यता पर आसानी से लोग सवाल नहीं उठाते और विश्वास कर लेते हैं.
पीआईबी फैक्टचेक में कई ऐसी वायरल खबरों का सच मालूम हुआ है, जिसपर विश्वास करके आम जनता भ्रम में थी. यूपीएससी परीक्षा, सीटैट परीक्षा, बैंकों में ट्रांजेक्शन फीस एवं खाते में आने वाली रकम को लेकर कई ऐसी खबरें वायरल थीं, जिनसे आम लोगों में भ्रम फैल रहा था.
Posted By : Rajneesh Anand
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