PIB Fact Check: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मंगलवार को लोकसभा में एक जवाब में बताया कि प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) की Fact Check यूनिट ने नवंबर 2019 में अपनी स्थापना के बाद से झूठी सूचना के 1,160 मामलों का भंडाफोड़ किया है. ठाकुर ने कहा, ‘फैक्ट चेक यूनिट केंद्र सरकार से संबंधित फर्जी खबरों का स्वतः और नागरिकों द्वारा अपने पोर्टल पर या ई-मेल और सोशल मीडिया के माध्यम से भेजे गए प्रश्नों के माध्यम से संज्ञान लेती है. अपनी स्थापना के बाद से पीआईबी को 37,000 से अधिक शिकायतें मिली हैं. इसने फर्जी खबरों के 1,160 मामलों का भंडाफोड़ किया है.’
फैक्ट चेक यूनिट ने 2019 में 17 फर्जी खबरों का भंडाफोड़ किया, 2020 में 394 मामलों का भंडाफोड़ हुआ. 2021 में फर्जी खबरों के 285 मामलों को खारिज किया गया, जो 2022 में बढ़कर 338 मामले हो गए. वर्तमान वर्ष में, 126 फर्जी खबरों के मामले सामने आए ठाकुर ने कांग्रेस सांसद के मुरलीधरन और बेनी बेहानन के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ‘क्राइम इन इंडिया 2021’ रिपोर्ट के अनुसार, ‘फर्जी/झूठे समाचार/अफवाहें’ के प्रसार के मामलों से संबंधित भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 505 के तहत मामलों की संख्या में 42% की गिरावट दर्ज की गई.
NCRB के आंकड़ों से पता चलता है कि 2019 में ‘फर्जी/गलत समाचार’ से संबंधित मामलों की संख्या 486, 2020 में 1,527 और 2021 में 882 थी. जनवरी में, सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 में एक प्रस्तावित संशोधन ने सुझाव दिया कि पीआईबी की तथ्य-जांच इकाई द्वारा “नकली या गलत के रूप में पहचानी जाने वाली” किसी भी सामग्री को हटा दिया जाना चाहिए. संशोधन में उल्लेख किया गया है कि पीआईबी की तथ्य-जांच इकाई या “तथ्य-जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत” किसी भी एजेंसी द्वारा “फर्जी या भ्रामक” के रूप में चिह्नित किसी भी जानकारी को हटाने की आवश्यकता होगी.
अनुराग सिंह ठाकुर ने लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद उदय प्रताप सिंह द्वारा डिजिटल और ओटीटी प्लेटफार्मों पर फर्जी खबरों पर प्रतिबंध लगाने के नियमों में संशोधन के संबंध में एक अन्य प्रश्न का भी जवाब दिया. ठाकुर ने कहा, “सभी टीवी चैनलों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 के तहत प्रोग्राम कोड का पालन करना आवश्यक है, जिसमें यह भी शामिल है कि कार्यक्रमों में कुछ भी अश्लील, मानहानिकारक, जानबूझकर, गलत और विचारोत्तेजक संकेत और आधा सच नहीं होना चाहिए.”