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दिल्ली हिंसा की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल, न्यायिक जांच आयोग के गठन की मांग

Supreme court, public interest litigation, Delhi violence : नयी दिल्ली : गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हिंसक घटनाओं और लालकिले पर धार्मिक ध्वज फहरा कर राष्ट्रीय ध्वज का कथित अपमान करने के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल की गयी है. मालूम हो कि नये कृषि कानूनों के विरोध में देश के 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसक घटनाएं हुई थीं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 27, 2021 2:43 PM

नयी दिल्ली : गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हिंसक घटनाओं और लालकिले पर धार्मिक ध्वज फहरा कर राष्ट्रीय ध्वज का कथित अपमान करने के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल की गयी है. मालूम हो कि नये कृषि कानूनों के विरोध में देश के 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसक घटनाएं हुई थीं.

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इन हिंसक घटनाओं में करीब 83 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. वहीं, मामले में दिल्ली के कई इलाकों में कुल 22 प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं.

अधिवक्ता विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करते हुए गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग के गठन की मांग की है.

अपनी याचिका में उन्होंने दिल्ली हिंसा और राष्ट्रीय ध्वज के कथित अपमान के जिम्मेदार व्यक्तियों, संगठनों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई किये जाने की भी मांग की है.

उन्होंने साजिश की आशंका जताते हुए कहा है कि दो माह से चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन गणतंत्र दिवस के दिन हिंसात्मक हो गया. साथ ही कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन को नुकसान पहुंचाने, अशांति पैदा करने और पुलिस व किसानों के बीच टकराव उत्पन्न करने की साजिश हो सकती है.

याचिकाकर्ता अधिवक्ता ने राष्ट्रीय सुरक्षा और जनहित में गड़बड़ी पैदा करने के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने और मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच आयोग की स्थापना की मांग की है.

उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय आयोग की मांग की है. इसमें हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को सदस्य के रूप में रखने की मांग की है. साथ ही एक महीने में न्यायालय में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देने की मांग की है.

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