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पीके सिन्हा ने पीएमओ से दिया इस्तीफा, ऐसे अफसर जिनके लिए मोदी सरकार ने बदल दिये 60 साल पुराने नियम

PK Sinha resigns from PMO, Modi government, changed 60 years old rules, principal adviser, Prime Minister देश के सबसे ताकतवर नौकरशाहों में शुमार पीके सिन्हा ने पीएमओ को बाय-बाय कर दिया है. 2019 में नृपेंद्र मिश्र के इस्तीफा देने के बाद अब पीके सिन्हा ने निजी कारणों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सलाहकार के पने पद से इस्तीफा दे पद से इस्तीफा दे दिया. भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1977 बैच के अधिकारी रहे सिन्हा को सितंबर 2019 में प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार के पद पर नियुक्त किया गया था.

  • पीके सिन्हा ने पीएमओ से दिया इस्तीफा

  • पीके सिन्हा को सेवा विस्तार देने के लिए मोदी सरकार ने 60 साल पुराना नियम बदल दिया

  • पीके सिन्हा मोदी के सबसे भरोसेमंद नौकरशाहों में एक रहे हैं, 2019 में उन्हें पीएम का प्रधान सलाहकार बनाया गया था

देश के सबसे ताकतवर नौकरशाहों में शुमार पीके सिन्हा ने पीएमओ को बाय-बाय कर दिया है. 2019 में नृपेंद्र मिश्र के इस्तीफा देने के बाद अब पीके सिन्हा ने निजी कारणों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सलाहकार के पने पद से इस्तीफा दे पद से इस्तीफा दे दिया. भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1977 बैच के अधिकारी रहे सिन्हा को सितंबर 2019 में प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार के पद पर नियुक्त किया गया था.

पीएम मोदी के लिए पीके सिन्हा कितने अहम थे, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्हें पसंद के पद पर बनाये रखने के लिए सरकार ने 60 साल पुराने नियम को ही बदल दिया.

पीके सिन्हा कुछ समय के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) नियुक्त किया गया था. वह चार वर्षों तक कैबिनेट सचिव के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. सिन्हा ऊर्जा मंत्रालय में सचिव के पद भी काम कर चुके हैं.

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ऊर्जा सचिव के पद पर सिन्हा के काम-काज से पीएम मोदी इतने प्रभावति हुए कि उन्हें 2015 में कैबिनेट सेक्रेटरी की जिम्मेदारी दे दी. 2 साल बाद 2017 में उनका कार्यकाल खत्म हो रहा था, लेकिन सरकार ने उन्हें 1 साल का सेवा विस्तार दे दिया. सिन्हा को तीसरी बार 3 महीने के लिए सेवा विस्तार दिया गया. इसके लिए मोदी सरकार ने 60 साल पुराने नियम को भी बदल दिया.

दरअसल अखिल भारतीय सेवा नियम 1958 के अनुसार कैबिनेट सचिव का कुल कार्यकाल 4 साल से ज्यादा का नहीं हो सकता है. लेकिन सिन्हा के मामले में सरकार ने नियम को बदलते हुए उन्हें तीन बार सेवा विस्तार दिया. सिन्हा ने सबसे अधिक समय तक कैबिनेट सचिव के पद पर रहने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया. मालूम हो अपने पद पर रहते हुए पीके सिन्हा ने कई अहम काम किये. जैसे जीएसटी कानून तैयार करने और आरबीआई के गवर्नर के तौर पर उर्जित पटेल की नियुक्ति जैसे मामलों में अहम रोल अदा किया.

Posted By – Arbind kumar mishra

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