प्लाजमा थैरेपी अभी अप्रूव नहीं, चल रहा रिसर्च, सरकार ने कोरोना इलाज के दावों को किया खारिज
देश में कोरोना के कुल मामले 29, 436 हो चुके है, इनमें में 21632 केस ऐक्टिव हैं. 934 लोगों की मौत हुई है. देश में रिकवरी रेट बढ़कर 23.3 फीसदी हो गई है, 17 दिन से 28 जिलों में कोई केस नहीं आया है. पिछले 24 घंटे से देश में कोरोना के 1543 नये मामले सामने आए हैं और 684 लोग ठीक हुए हैं.
नयी दिल्ली : देश में कोरोना के कुल मामले 29, 436 हो चुके है, इनमें में 21632 केस ऐक्टिव हैं. 934 लोगों की मौत हुई है. देश में रिकवरी रेट बढ़कर 23.3 फीसदी हो गई है, 17 दिन से 28 जिलों में कोई केस नहीं आया है. पिछले 24 घंटे से देश में कोरोना के 1543 नये मामले सामने आए हैं और 684 लोग ठीक हुए हैं.
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आंकड़ों के संबंध में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, कोरोना के लिए अभी कोई मान्य थेरेपी नहीं है, प्लाजमा थेरेपी को लेकर प्रयोग चल रहे हैं. प्लाजमा पर काफी चर्चा हो रही है. आईसीएमआर ने स्पष्ट कहा है कि कोविड 19 को लेकर अबतक कोई स्पष्ट इलाज नहीं है.
इसे हम रिसर्च या ट्रायल के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. जबतक इसकी पुष्टि नहीं जाती है तबतक यह दावा करना गलत है. इससे संक्रमित की जान को खतरा हो सकता है. अगर दुनिया की 20 देश जो प्रभावित है उसकी जनसंख्या को जोड़ दें तो हमारी जनसंख्या के बराबर है. कल के WHO का आंकड़ा देखें उन 20 देशों में आये संक्रमित मरीजों की संख्या को देखें तो पायेंगे कि वह 84 गुणा अधिक मामले हैं अगर मृतकों की संख्या देखें तो पायेंगे कि भारत के मुकाबले इन देशों में 200 गुणा अधिक मौत हुई है. अगर हम इन देशों से बेहतर स्थिति में हैं तो इसका सीधा मतलब है कि हम पहले से सतर्क रहे. कोरोना पर लड़ने वाले योद्धा भी इसमें शामिल है. इसे हमें और बेहतर रखना है. हम प्रतिदिन लड़ाई लड़ रहे हैं. देश का नागरिक सहयोग दे.
उन्होंने बताया कि स्वास्थ मंत्री ने भी कोविड 19 का अपडेट लिया है. दिल्ली के स्वास्थ मंत्री सहित प्रशासनिक अधिकारियों से भी बात की है. गृहमंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया, इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम जो सूरत का दौरा कर रही, उसने पाया है कि वहां भारी संख्या में टेस्टिंग चल रही है.
इससे कोरोना के पेशंट्स की पहचान शुरुआती स्टेज में हो जा रही है. लॉकडाउन के नियमों का पालन हो रहा है. सीटीवीटी और ड्रोन का इस्तेमाल हो रहा है. प्रवासी मजदूरों के लिए खाने के पैकेट बांटे जा रहे हैं जिसमें सोशल डिस्टेसिंग का भी पालन किया जा रहा है. ज्यादातर श्रमिकों को पिछले महीने की तनख्वाह मिल चुकी है.