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PM: मोदी सरकार के 100 दिन के कार्यकाल में किसानों के हित में कई कदम उठाए गए

मौजूदा समय में यूरिया की एक बोरी की कीमत 2366 रुपये है, लेकिन यह किसानों को 266 रुपये में उपलब्ध करायी जा रही है, वहीं डीएपी की एक बोरी की कीमत 2433 रुपये है और यह 1350 रुपये में किसानों को दी जा रही है.

By Anjani Kumar Singh | September 19, 2024 6:47 PM

PM: मोदी सरकार के 100 दिन के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं. इस दौरान किसानों के उत्पादन बढ़ाने, 65 फसलों की 109 प्रजातियों के नए बीज का विकास, उत्पादन की लागत कम करने, किसानों को सस्ती कीमत पर उर्वरक मुहैया कराने जैसे कई फैसले लिए गए हैं. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मोदी सरकार 100 दिनों के कार्यकाल में किसानों के हित में उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि मौजूदा समय में यूरिया की एक बोरी की कीमत 2366 रुपये है, लेकिन यह किसानों को 266 रुपये में उपलब्ध करायी जा रही है, वहीं डीएपी की एक बोरी की कीमत 2433 रुपये है और यह 1350 रुपये में किसानों को दी जा रही है. इस दौरान डिजिटल कृषि मिशन को लांच किया गया. नेशनल पेस्ट सर्विलांस सिस्टम को शुरू किया जो किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. सरकार परंपरागत फसलों के साथ-साथ बागवानी (हॉर्टिकल्चर) की फसलों के अधिक उत्पादन की कोशिश कर रही है और इसके लिए 9 आधुनिक केंद्र बनाने का काम चल रहा है.

कृषि क्षेत्र के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण कदम

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. देश के 140 करोड़ देशवासियों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है और यह कृषि क्षेत्र के विकास के बिना संभव नहीं है. प्रधानमंत्री का तीसरी बार पद संभालने के बाद महत्वपूर्ण निर्णय में सबसे पहले 9.26 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम-किसान योजना के तहत  21000 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की. सरकार के 100 दिवसीय कार्यक्रम के तौर पर सैचुरेशन अभियान चलाए गए जिसमें 25 लाख से अधिक नए किसानों को पीएम-किसान योजना से जोड़ा गया और अब इस योजना के तहत कुल लाभार्थियों की संख्या 9.51 करोड़ से अधिक हो गयी है.

इसके अलावा किसानों को उनकी अपनी भाषा में पीएम-किसान से संबंधित प्रश्नों में सहायता करने के लिए एआई-चैटबॉट किसान-ई मित्र शुरू किया गया और इस चैटबॉट द्वारा अब तक 50 लाख किसानों के 82 लाख से अधिक प्रश्नों का जवाब दिया गया है. इसके अलावा कैबिनेट ने प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान की एकीकृत योजना को 15वें वित्त आयोग चक्र के दौरान 2025-26 तक 35000 करोड़ रुपये के कुल बजट के साथ जारी रखने को मंजूरी दी. ताकि किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान किया जा सके और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित किया जा सके. 

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