पीएम मोदी के तीन देशों के दौरे से भारत को क्या हुआ फायदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन देशों के यूरोपीय दौरे के समापन के बाद गुरुवार सुबह भारत के लिए रवाना हो गए हैं. आज वो स्वदेश पहुंचने वाले हैं. अपने दौरे में पीएम मोदी ने व्यापार, ऊर्जा और हरित प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा देने के लिए कई द्विपक्षीय बैठकें कीं.

By Prabhat Khabar News Desk | May 5, 2022 8:54 AM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन देशों के यूरोपीय दौरे के समापन के बाद गुरुवार को भारत के लिए रवाना हो गए हैं. अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने पहले जर्मनी फिर डेनमार्क और फिर फ्रांस की यात्रा की. फ्रांस में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति मैक्रों के साथ कई मुद्दों पर लंबी चर्चा की. इससे पहले बुधवार को पीएम मोदी ने नॉर्वे, स्वीडन, आइसलैंड और फिनलैंड के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं. इस दौरान उन्होंने उनके साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की. मोदी ने यूरोपीय देशों के इन नेताओं के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रम पर विचारों का आदान-प्रदान किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर के साथ सबसे पहले बैठक की और इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. मोदी ने ट्वीट किया, नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर के साथ सार्थक बैठक की. हमारी बातचीत में समुद्री अर्थव्यवस्था (ब्लू इकोनॉमी), स्वच्छ ऊर्जा, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाना शामिल था. बता दें कि नॉर्वे भारत की हाल में घोषित आर्कटिक नीति का एक प्रमुख स्तंभ है.

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के तरीकों और संयुक्त कार्य योजना में प्रगति पर चर्चा की. मोदी की 2018 की स्वीडन यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों ने रक्षा, व्यापार और निवेश, नवीकरणीय ऊर्जा, स्मार्ट शहरों, महिलाओं के कौशल विकास, अंतरिक्ष और विज्ञान में व्यापक पहलों को आगे बढ़ाने के लिए एक व्यापक संयुक्त कार्य योजना को अपनाया था.

प्रधानमंत्री मोदी ने आइसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकोब्स्दोतिर से भी मुलाकात की और व्यापार, ऊर्जा और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की. मोदी ने फिनलैंड की अपनी समकक्ष सना मरीन से मुलाकात की और व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की. मोदी ने फिनलैंड की कंपनियों को भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी करने और डिजिटल क्षेत्र में अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया.

भारत और नॉर्डिक देशों के बीच हुए नौ समझौते

भारत और नॉर्डिक देशों के बीच कुल नौ समझौते हुए. इनमें माइग्रेशन और मोबिलिटी, कौशल विकास, वोकेशनल एजुकेशन, एंटरप्रेन्योरशिप और एनर्जी पॉलिसी को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोपेनहेगन में भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिले और उन्हें संबोधित किया.

डेनमार्क के शाही पैलेस में मोदी के लिए रखा गया डिनर

पीएम मोदी ने डेनमार्क के कोपेनहेगन में किंगडम ऑफ डेनमार्क की महारानी मार्गरेट द्वितीय से भी मुलाकात की. महारानी ने मोदी का गर्मजोशी से भव्य स्वागत किया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इसकी जानकारी देते हुए एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं. डेनमार्क की महारानी मार्गरेट द्वितीय के साथ प्रधानमंत्री मोदी को देखा जा सकता है.

बागची ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने महारानी के शासनकाल के गोल्डन जुबली के अवसर पर उन्हें सम्मानित किया. डेनमार्क की राजशाही दुनिया की सबसे पुरानी राजशाही में से एक है. 82 वर्षीय महारानी 1972 से डेनमार्क की राजशाही परिवार से जुड़ी हैं. कई यूरोपीय राजघरानों की तरह, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और डेनमार्क की रानी मार्ग्रेथ संबंधित हैं. दोनों रानियां चचेरी बहन हैं और उनका साझा वंश उन दोनों को यूनाइटेड किंगडम की रानी विक्टोरिया और डेनमार्क के राजा क्रिश्चियन IX से जोड़े हुए है.

गर्मजोशी से मिले मैक्रों देखते ही लगाया गले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की अपनी यूरोपीय यात्रा के अंतिम चरण में बुधवार को यहां पहुंचे. पेरिस के एलिसी पैलेस मे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दोस्तों की तरह स्वागत किया. दोनों ही दिग्गज नेता पुराने दोस्तों की तरह ही गर्मजोशी से एक-दूसरे के गले लगे. पिछले हफ्ते मैक्रों के दोबारा फ्रांस का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के उन पहले कुछ नेताओं में शामिल हो गये हैं, जिन्होंने राष्ट्रपति मैक्रों से मुलाकात की है.

Posted by: Pritish Sahay

Next Article

Exit mobile version