PM Modi Mann ki Baat : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देश को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने विश्व नदी दिवस का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि नदियां अपना जल खुद नहीं पीतीं. वो परोपकार करतीं हैं. यही वजह है कि हम नदियों को मां कहते हैं. नदी हमारे लिए जीवंत इकाई है.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में झारखंड का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि रांची के सतीश जी ने पत्र के माध्यम से झारखंड के एक एलोवेरा गांव की ओर मेरा ध्यान दिलाया है. देवरी गांव की महिलाओं ने मंजू कच्छप जी के नेतृत्व में एलोवेरा की खेती शुरू की, इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में लाभ मिला, और इन महिलाओं की आमदनी भी बढ़ गई.
अपने संबोधन की शुरूआत में प्रधानमंत्री ने कहा कि आप जानते हैं कि एक जरुरी कार्यक्रम के लिए मुझे अमेरिका जाना पड़ रहा है तो मैंने सोचा कि अच्छा होगा कि अमेरिका जाने से पहले ही मैं ‘मन की बात’ रिकॉर्ड कर दूं. माघ का महीना आता है तो हमारे देश में बहुत लोग पूरे एक महीने मां गंगा या किसी और नदी के किनारे कल्पवास करते हैं. पहले के जमाने में तो परंपरा थी कि घर में प्रातः स्नान करते समय नदियों का स्मरण करने की.
साथियो, जब हम हमारे देश में नदियों की महिमा पर बात कर रहे हैं, तो कोई भी सवाल पूछेगा कि भई आप नदी के इतने गीत गा रहे हो, नदी को मां कह रहे हो तो ये नदी प्रदूषित क्यों हो जाती है? छठ पूजा में नदियों की सफाई की परंपरा है. जन जागृति से नदियों की सफाई मुमकिन है. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आजकल एक विशेष E-ऑक्शन, ई-नीलामी चल रही है. उन उपहारों की, जो मुझे समय-समय पर लोगों ने दिए हैं. इस नीलामी से जो पैसा आएगा, वो ‘नमामि गंगे’ अभियान के लिये समर्पित किया जाएगा.
पीएम मोदी ने कहा कि देश भर में नदियों को पुनर्जीवित करने के लिये, पानी की स्वच्छता के लिये सरकार और समाजसेवी संगठन कुछ-न-कुछ करते रहते हैं. यही परंपरा, प्रयास, आस्था हमारी नदियों को बचाए हुए है. ऐसे काम करने वालों के प्रति एक बड़ा आदर का भाव मेरे मन में जागता है. ‘वर्ल्ड रिवर डे’ जब आज मना रहे हैं तो इस काम से समर्पित सबकी मैं सराहना करता हूँ, अभिनन्दन करता हूं. लेकिन हर नदी के पास रहने वाले लोगों को, देशवाशियों को मैं आग्रह करूंगा कि भारत में, कोने-कोने में साल में एक बार तो नदी उत्सव मनाना ही चाहिए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटे-छोटे प्रयासों से कभी कभी तो बहुत बड़े-बड़े परिवर्तन आते हैं, और अगर महात्मा गांधी जी के जीवन की तरफ हम देखेंगे तो हम हर पल महसूस करेंगे कि छोटी-छोटी बातों को ले करके बड़े बड़े संकल्पों को कैसे उन्होंने साकार किया था. लोग जानते हैं कि स्वच्छता के संबंध में बोलने का मैं कभी मौका छोड़ता ही नहीं हूं और शायद इसीलिए हमारे ‘मन की बात’ के एक श्रोता श्रीमान रमेश पटेल जी ने लिखा हमें बापू से सीखते हुए इस आजादी के “अमृत महोत्सव” में आर्थिक स्वच्छता का भी संकल्प लेना चाहिए हमारे लिए ख़ुशी की बात है आज गांव देहात में भी fin-tech UPI से डिजिटल लेन-देन करने की दिशा में सामान्य मानवी भी जुड़ रहा है, उसका प्रचलन बढ़ने लगा है.
आज आज़ादी के 75वें साल में हम जब आज़ादी के अमृत महोत्सव को मना रहे हैं, आज हम संतोष से कह सकते हैं कि आज़ादी के आंदोलन में जो गौरव खादी को था आज हमारी युवा पीढ़ी खादी को वो गौरव दे रही है. अमृत महोत्सव में देश में आज़ादी के इतिहास की अनकही गाथाओं को जन-जन तक पहुंचाने का एक अभियान भी चल रहा है. इस अभियान के लिए 14 अलग-अलग भाषाओं में अब तक 13 हज़ार से ज्यादा लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन किया है. करीब 5000 से ज्यादा नए नवोदित लेखक आज़ादी के जंग में शामिल unsung heros की कथाओं को खोज रहे हैं. देश के युवाओं ने ठान लिया है उन स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को भी देश के सामने लाएंगे जिनकी गत् 75 वर्ष में कोई चर्चा तक नहीं हुई.
कुछ ही दिन पहले सियाचिन ग्लेशियर के दुर्गम इलाके में 8 दिव्यांग जनों की टीम ने 15 हज़ार फीट से भी ज्यादा की ऊंचाई पर स्थित ‘कुमार पोस्ट’ पर अपना परचम लहराकर World Record बना दिया है. यह कारनामा पूरे देश के लिए प्रेरणा है. आज देश में दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए कई प्रयास हो रहे हैं. मुझे उत्तरप्रदेश में हो रहे ऐसे ही एक प्रयास One Teacher, One Call के बारे में जानने का मौका मिला. बरेली में यह अनूठा प्रयास दिव्यांग बच्चों को नई राह दिखा रहा है.
हमारे देश में पारंपरिक रूप से ऐसे Natural Products प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं जो Wellness यानि सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. ओडिशा के कालाहांडी के नांदोल में रहने वाले पतायत साहू जी इस क्षेत्र में बरसों से एक अनोखा कार्य कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि रांची के सतीश जी ने पत्र के माध्यम से झारखंड के एक एलोवेरा गांव की ओर मेरा ध्यान दिलाया है. देवरी गांव की महिलाओं ने मंजू कच्छप जी के नेतृत्व में एलोवेरा की खेती शुरू की, इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में लाभ मिला, और इन महिलाओं की आमदनी भी बढ़ गई. उन्होंने कहा कि आने वाली 2 अक्टूबर को लाल बहादुर शास्त्री जी की भी जन्मजयंती होती है. उनकी स्मृति में ये दिन हमें खेती में नए नए प्रयोग करने वालो की भी शिक्षा देता है.
पीएम मोदी ने कहा कि Medicinal Plant के क्षेत्र में Start-up को बढ़ावा देने के लिए Medi-Hub TBI के नाम से एक Incubator, गुजरात के आनन्द में काम कर रहा है. आज के हालात में जिस प्रकार Medicinal Plant और हर्बल उत्पादों को लेकर दुनिया भर में लोगों का रुझान बढ़ा है, उसमें भारत के पास अपार संभावनाएं हैं. बीते समय में आयुर्वेदिक और हर्बल product के export में भी काफी वृद्धि देखने को मिली है. मैं Scientists, Researchers और Start-up की दुनिया से जुड़े लोगों से, ऐसे Products की ओर ध्यान देने का आग्रह करता हूं, जो लोगों की Wellness और Immunity तो बढाए हीं, हमारे किसानों और नौजवानों की आय को भी बढ़ाने में मददगार साबित हो.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 25 सितम्बर को देश की महान संतान पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की जन्म-जयंती होती है. पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर, खेती में हो रहे नए प्रयोग, नए विकल्प, लगातार, स्वरोजगार के नए साधन बना रहे हैं. पुलवामा के दो भाइयों, बिलाल अहमद शेख और मुनीर अहमद शेख, की कहानी भी इसी का एक उदाहरण है. तीन साल पहले 25 सितम्बर को पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की जन्म-जयंती पर ही दुनिया की सबसे बड़ी Health Assurance Scheme – आयुष्मान भारत योजना लागू की गई थी. दीन दयाल जी के जीवन से हमें कभी हार न मानने की भी सीख मिलती है.
कोरोना संक्रमण का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमें अपनी बारी आने पर Vaccine तो लगवानी ही है पर इस बात का भी ध्यान रखना है कि कोई इस सुरक्षा चक्र से छूट ना जाए. अपने आस-पास जिसे Vaccine नहीं लगी है उसे भी Vaccine centre तक ले जाना है. Vaccine लगने के बाद भी जरुरी protocol का पालन करना है. आने वाला समय त्यौहारों का है. पूरा देश मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की असत्य पर विजय का पर्व भी मनाने वाला है. लेकिन इस उत्सव में हमें एक और लड़ाई के बारे में याद रखना है – वो है देश की कोरोना से लड़ाई.
Posted By : Amitabh Kumar