-
बेकार पड़ी संपत्तियों को बेचकर 2.5 लाख करोड़ जुटाने का लक्ष्य
-
सरकार का प्रयास है कि लोगों के जीवन में सुधार हो
-
सभी को मिलनी चाहिए बुनियादी सुविधाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कहा की हमारी सरकार का प्रयास है कि लोगों के जीवन में सुधार हो और उनके जीवन में सरकार का अनावश्यक हस्तक्षेप कम किया जा सके. नेशनल एसेट मोनेटाइजेशन पाइपलाइन का जिक्र करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि बेकार पड़ी संपत्तियों को बेचकर 2.5 लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना पर काम कर रहे हैं.
बजट घोषणाओं के कार्यान्वयन को लेकर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित उद्यमों के निजीकरण से नागरिकों को सशक्त बनाने और रोजगार सृजित करने में मदद मिलेगी. सरकार का लक्ष्य 100 सरकारी स्वामित्व वाली संपत्तियों को मोनेटाइजेशन करने का है.
प्रधानमंत्री ने दोहराते हुए कहा कि सार्वजनिक धन का लाभ गरीबों को मिल सके और उसका इस्तेमाल विवकेपूर्ण तरीके से हो सके इसलिए सुधार प्रक्रिया शुरू की गयी हैं. साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि जो पैसा गरीबों का है उसे ऐसे उद्यमों पर खर्च किया जाता है जिनसे मुनाफा नहीं हो रहा है. यह अर्थव्यवस्था पर बोझा डालता है. उन्होंने कहा क सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की उद्यमों को इसलिए नहीं चलाना चाहती है क्योंकि वो दशकों से चल रहे हैं या फिर वे किसी की पालतू परियोजनाएं हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार मोनेटाइज और मोर्डेनाइज का मंत्र तो लेकर आगे बढ़ रही है. इसलिए जब भी सरकार मोनेटाइज करती है तो उस स्थान से देश का प्राइवेट सेक्टर मजबूत होता है. प्राइवेट सेक्टर के अपने साथ हमेशा निवेश भी लाता है और एक वैश्विक कार्यप्रणाली भी लाता है. इससे मॉडर्न तकनीक और नौकरीया आती हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट को लेकर अनेक साथियों से विस्तार से चर्चा की गयी. इस बजट को ऐसा बनाया गया ताकी भारत के विकास दर में गति लायी जा सके. इस बार के बजट में देश के विकास में प्राइवेट सेक्टर किस तरह अपनी भूमिका निभा सकते हैं इस भी खासा ध्यान दिया गया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए निजीकरण और विमुद्रीकरण को एक साथ करते हुए बेहतर स्कूल और बेहतर सड़कें बनायी जा सकती हैं. साथ ही सभी लोगों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाई जा सकती है.
Posted By: Pawan Singh