पीएम मोदी की रूस और यूक्रेन से तुरंत युद्ध रोकने की अपील, बातचीत एवं कूटनीति पर दिया जोर
उन्होंने कहा कि रूस को यूक्रेन में चल रहे नरसंहार को खत्म करना ही होगा. उन्हें जंग रोकनी ही होगी. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को कोपेनहेगन पहुंचे और द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए फ्रेडरिक्सन के साथ बातचीत की.
कोपेनहेगन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध तत्काल रुकनी चाहिए. दोनों देशों को युद्धविराम की घोषणा करनी चाहिए और जो भी विवाद हैं, उनका कूटनीति के जरिये समाधान किया जाना चाहिए. वहीं, डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट फ्रेडरिक्सन ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए भारत अपने प्रभाव का इस्तेमाल करे. भारत-डेनमार्क द्विपक्षीय वार्ता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने ‘तत्काल युद्ध विराम’ की अपील की है.
पुतिन को युद्ध रोकना ही होगा
वहीं, डेनमार्क की पीएम फ्रेडरिक्सन ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को युद्ध को रोकना ही होगा. साथ ही उम्मीद जतायी कि भारत अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की पहल करेगा. उन्होंने कहा कि रूस को यूक्रेन में चल रहे नरसंहार को खत्म करना ही होगा. उन्हें जंग रोकनी ही होगी. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को कोपेनहेगन पहुंचे और द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए फ्रेडरिक्सन के साथ बातचीत की. प्रतिनिधिमंडल स्तर की भी वार्ता हुई. इस दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये.
वैश्विक मुद्दों पर मोदी-मेट ने की चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने डेनमार्क की पीएम के साथ रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की और क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर विचारों का अदान-प्रदान भी किया. जर्मनी से यहां पहुंचे मोदी का हवाईअड्डे पर डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने स्वागत किया. फ्रेडरिक्सन ने डेनमार्क के प्रधानमंत्री के मारियनबोर्ग स्थित आधिकारिक आवास पर पहुंचने पर भी मोदी की अगवानी की. प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘कोपनहेगन में मित्रता को मजबूत करने के उद्देश्य से बातचीत. प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन ने मारियनबोर्ग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया.’
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विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में हमारे फ्लैगशिप कार्यक्रमों में डेनिश कंपनियों के सकारात्मक योगदान की सराहना की. दोनों नेताओं ने दोनों देशों की जनता के विस्तार लेते परस्पर संबंधों की प्रशंसा की और आव्रजन तथा गतिशीलता साझेदारी पर आशय-पत्र का स्वागत किया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘हरित रणनीतिक साझेदारी बढ़ रही है, जो भारत और डेनमार्क के बीच बढ़ते सहयोग के लिए उत्प्रेरक है.’
When PM @narendramodi and PM Frederiksen met the Indian community after the meeting with business leaders… @Statsmin pic.twitter.com/aId1gAVEyY
— PMO India (@PMOIndia) May 3, 2022
फ्रेडरिक्सन ने मोदी को अपने आवास का भ्रमण करवाया
डेनमार्क की पीएम फ्रेडरिक्सन ने पीएम मोदी को अपने आधिकारिक आवास का भ्रमण कराया और वह पेंटिंग भी दिखायी, जो मोदी ने उनकी पिछली भारत यात्रा पर उन्हें उपहार में दी थी. यह ओड़िशा का एक पट्टचित्र है. यह प्रधानमंत्री मोदी की पहली डेनमार्क यात्रा है, जहां वह मंगलवार और बुधवार को द्विपक्षीय तथा बहुपक्षीय वार्ताओं में भाग लेंगे. मोदी ने प्रस्थान करते समय अपने वक्तव्य में कहा था, ‘मैं कोपनहेगन की यात्रा करूंगा, जहां प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन के साथ द्विपक्षीय बैठक करूंगा. इससे डेनमार्क के साथ हमारी विशिष्ट ‘हरित रणनीतिक साझेदारी’ में प्रगति की समीक्षा का तथा हमारे द्विपक्षीय संबंधों के अन्य पहलुओं की भी समीक्षा का अवसर मिलेगा.’
भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डेनमार्क में द्विपक्षीय वार्ताओं के अलावा डेनमार्क, आइसलैंड, फिनलैंड, स्वीडन और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे, जहां वे 2018 में हुए पहले भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के बाद से हुए सहयोग की समीक्षा करेंगे. सम्मेलन में आर्थिक साझेदारी, हरित साझेदारी और आर्कटिक क्षेत्र में गतिशीलता एवं सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा.
भारत-डेनमार्क की खास बातें
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डेनमार्क में भारतीय मूल के करीब 16,000 लोग रहते हैं. नॉर्डिक देशों के साथ भारत का व्यापार पांच अरब डॉलर से अधिक का है.
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भारत में डेनमार्क की 200 से अधिक कंपनियां ‘मेक इन इंडिया, जल जीवन मिशन, डिजिटल इंडिया और अन्य प्रमुख राष्ट्रीय मिशनों’ को आगे बढ़ाने में सक्रिय.
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डेनमार्क में 60 से अधिक भारतीय कंपनियां द्विपक्षीय कारोबारी संबंधों को मजबूत कर रही हैं, जिनमें मुख्य रूप से आईटी क्षेत्र की कंपनियां शामिल हैं.