नई दिल्ली : संविधान दिवस पर संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस और सपा समेत कई राजनीतिक दलों पर हमला किया. कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘पारिवारिक पार्टियां लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. यह देश के लिए चिंता का विषय है.’ हालांकि, संविधान दिवस पर संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस, राजद, सपा और बसपा समेत कई राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल होने नहीं आए.
संविधान दिवस पर संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस का नाम लिये बगैर कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि पारिवारिक पार्टियां देश के लिए चिंता का विषय बन गई हैं. उन्होंने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी एक ही समस्या है. प्रधानमंत्री मोदी ने पारिवारिक पार्टियों का मतलब समझाते हुए कहा कि पारिवारिक पार्टियों का अर्थ यह नहीं है कि एक ही परिवार के लोग किसी राजनीति में न आएं, बल्कि इसका मतलब यह है कि किसी राजनीतिक दल की कमान पीढ़ी-दर-पीढ़ी एक ही परिवार के लोगों के हाथ में हो.
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी और बाबा साहब भीम राव आंबेडकर को नमन करते हुए कहा कि इस संविधान दिवस को इसलिए भी मनाना चाहिए, ताकि हमारा रास्ता सही है या नहीं, इसका मूल्यांकन किया जा सके. उन्होंने कहा कि हमारा संविधान सिर्फ अनेक धाराओं का संग्रह ही नहीं है, बल्कि हमारा संविधान सहस्रों वर्षों की महान परंपरा, अखंड धारा उस धारा की आधुनिक अभिव्यक्ति है. राष्ट्र सर्वोपरि था, इसलिए संविधान का निर्माण किया गया.
संविधान दिवस पर संसद में आयोजित कार्यक्रम में दर्जनभर विपक्षी दलों के शामिल नहीं होने पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम किसी सरकार ने नहीं, किसी प्रधानमंत्री ने नहीं, बल्कि लोकसभा के अध्यक्ष ने आयोजित किया है, जो सदन का गर्व हैं. उन्होंने कहा कि बाबा साहब की 125वीं जयंती है. हम सबको यही लगा कि इससे बड़ा पवित्र अवसर और क्या हो सकता है कि बाबा साहब आंबेडकर ने हमें जो नजराना दिया है, उसे हम हमेशा एक ग्रंथ के तौर पर हमेशा याद करते हैं. ये दिन इस सदन को प्रणाम करने का है.
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि आज बापू, बाबा साहब आंबेडकर, डॉ राजेंद्र प्रसाद जैसे दुरंदेशी महानुभावों को नमन करने का दिन है. आजादी के आंदोलन में अपनी जान गंवाने वालों को नमन करने का दिन है. इस मौके पर आज से 13 साल पहले 26 नवंबर 2008 को मुंबई आतंकी हमले को याद करते हुए कहा कि आज हमारे लिए एक ऐसा दुखद दिन भी है, जब देश के दुश्मनों ने मुंबई में आतंकी घटना को अंजाम दिया था. देश के जवानों ने आतंकियों से लोहा लेते हुए अपनी जान गंवा दी. आज उन बलिदानियों को नमन करता हूं.