न्याय के लिए न्यायिक अवसंरचना महत्वपूर्ण, इसे मजबूत करने के लिए पिछले 8 साल में तेजी से हुआ काम- PM मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, किसी भी समाज के लिए न्याय प्रणाली तक पहुंच जितनी जरूरी है, उतनी ही जरूरी न्याय वितरण प्रणाली भी है. इसमें एक अहम योगदान न्यायिक अवसंरचना का भी होता है. पिछले आठ वर्षों में देश के न्यायिक अवसंरचना को मजबूत करने के लिए तेज गति से काम हुआ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने प्रथम अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बैठक के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लिया. इस मौके पर भारत के मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना (CJI NV Ramana) और केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू (Kiren Rijiju) भी मौजूद रहे. पीएम मोदी ने कहा, ई-कोर्ट मिशन के तहत देश में वर्चुअल कोर्ट शुरू की जा रही हैं. यातायात उल्लंघन जैसे अपराधों के लिए 24 घंटे चलने वाली कोर्ट ने काम करना शुरू कर दिया है. लोगों की सुविधा के लिए कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग इनफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार भी किया जा रहा है.
आजादी के अमृतकाल का समय
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ये समय हमारी आजादी के अमृतकाल का समय है. ये समय उन संकल्पों का समय है, जो अगले 25 वर्षों में देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे. देश की इस अमृतयात्रा में व्यापार करने में आसानी और जीवन में आसानी की तरह ही न्याय की आसानी भी उतनी ही जरूरी हैं.
As important as access to the judicial system is for any society, justice delivery is equally important. The judicial infrastructure has an important contribution to this. In the last 8 yrs, work has been done at a fast pace to strengthen judicial infrastructure in India: PM Modi pic.twitter.com/WlzOvs0ghE
— ANI (@ANI) July 30, 2022
न्यायिक अवसंरचना को मजबूत करने के लिए तेजी से चल रहा काम
पीएम मोदी ने कहा, न्याय का ये भरोसा हर देशवासी को ये एहसास दिलाता है कि देश की व्यवस्थाएं उसके अधिकारों की रक्षा कर रही हैं. इसी सोच के साथ देश ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की स्थापना भी की, ताकि कमजोर से कमजोर व्यक्ति को भी न्याय का अधिकार मिल सके. पीएम ने कहा, किसी भी समाज के लिए न्याय प्रणाली तक पहुंच जितनी जरूरी है, उतनी ही जरूरी न्याय वितरण प्रणाली भी है. इसमें एक अहम योगदान न्यायिक अवसंरचना का भी होता है. पिछले आठ वर्षों में देश के न्यायिक अवसंरचना को मजबूत करने के लिए तेज गति से काम हुआ है.
केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कानून व्यवस्था पर कही ये बात
वहीं केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, आज पहली बार अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की बैठक दिल्ली में हो रही है. हमारे देश में जन जन तक न्याय की अंतिम मील तक पहुंच आज भी एक बहुत बड़ी चुनौती है. उन्होंने आगे कहा, कानूनी सेवाओं के वितरण में समता, जवाबदेही और सुलभ पहुंच इनके तीन आवश्यकताओं को सुरक्षित करने के लिए हम नागरिकों की भागीदारी को अमल में ला सकते हैं.
National Legal Services Authority (NALSA) has launched a campaign ‘Release UTRC@75’ from 16th July for identifying eligible prisoners &recommending release of fit cases to Under Trial Review Committee:Union Min Kiren Rijiju at 1st All India District Legal Service Authorities meet pic.twitter.com/eOi99KsiML
— ANI (@ANI) July 30, 2022
Dept of Justice & National Legal Service Authority to provide integrated delivery of legal services in 3 areas of common interest- by strengthening consultation via tele-law, expanding base of pro-bono lawyers, empowering citizens with legal literacy: Union Minister Kiren Rijiju pic.twitter.com/C0ZyLQCpJ8
— ANI (@ANI) July 30, 2022
एन.वी. रमना ने कही ये बात
अखिल भारतीय जिला क़ानूनी सेवा प्राधिकरण बैठक में CJI एन.वी. रमना ने कहा, हमारी असली ताकत युवाओं में है. दुनिया के 1/5 युवा भारत में रहते हैं. कुशल श्रमिक हमारे कार्यबल का केवल 3% हैं. हमें अपने देश के कौशल बल का उपयोग करने की आवश्यकता है और भारत अब वैश्विक अंतर को भर रहा है. उन्होंने आगे कहा, बहुसंख्यक न्याय वितरण तंत्र का अनुसरण नहीं कर सकते. न्याय तक पहुंच सामाजिक मुक्ति का एक साधन है. अगर आज हम न्याय के साथ लोगों के दरवाजे तक पहुंच पाए हैं, तो हमें योग्य न्यायाधीशों, उत्साही अधिवक्ताओं और सरकारों को धन्यवाद देना होगा.
Our true strength lies in the youth. 1/5th of world's youth lives in India. Skilled workers are only 3% of our workforce we need to harness the skill force of our country & India is now filling the global gap: CJI NV Ramana at 1st All India District Legal Service Authorities meet pic.twitter.com/kQZN5nz5Ai
— ANI (@ANI) July 30, 2022