‘देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने के लिए हो रहा काम’, जल मंत्रियों के साथ बैठक में बोले PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा, "हमारी संवैधानिक व्यवस्था में, पानी का विषय राज्यों के नियंत्रण में आता है. जल संरक्षण के लिए राज्यों के प्रयास देश के सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत आगे जाएंगे." उन्होंने कहा कि जल संरक्षण में जनभागीदारी को जनमानस के मन में जगाना होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि देश ने जल सुरक्षा में महत्वपूर्ण प्रगति की है, और 2047 की ओर जल दृष्टि अमृत काल में एक बड़ा योगदान होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत ने जल सुरक्षा में बड़ी प्रगति की है. 2047 के लिए हमारी जल दृष्टि अमृत काल में एक बड़ा योगदान होगा. राष्ट्र प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने के लिए मिलकर काम कर रहा है. अब तक 25,000 अमृत सरोवर का निर्माण किया जा चुका है. उन्होंने जोर देकर कहा कि जल संरक्षण के लिए राज्यों के प्रयास देश के सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में काफी मददगार साबित होंगे.
We need to use technologies like Geosensing and Geomapping in the field of water conservation. Industry and agriculture are two sectors where water is required. Jal Jeevan Mission has become a major development parameter to provide water to every household: Prime Minister Modi pic.twitter.com/IlGro17v0S
— ANI (@ANI) January 5, 2023
पीएम मोदी ने कहा, “हमारी संवैधानिक व्यवस्था में, पानी का विषय राज्यों के नियंत्रण में आता है. जल संरक्षण के लिए राज्यों के प्रयास देश के सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत आगे जाएंगे.” उन्होंने जल संरक्षण में जनता की भागीदारी को रेखांकित करते हुए कहा कि जल संरक्षण में जनभागीदारी को जनमानस के मन में जगाना होगा. हम इस दिशा में जितने अधिक प्रयास करेंगे, उतना ही अधिक प्रभाव पैदा होगा. उन्होंने प्रौद्योगिकी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “जियो-मैपिंग और जियो-सेंसिंग जैसी तकनीकें जल संरक्षण के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.”
‘केवल सरकार के प्रयास ही जल संरक्षण की दिशा में पर्याप्त नहीं’प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जल संरक्षण की दिशा में केवल सरकार के प्रयास ही काफी नहीं हैं और लोगों की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है. पीएम मोदी ने कहा कि केवल सरकार के प्रयास ही जल संरक्षण की दिशा में पर्याप्त नहीं हैं. जनभागीदारी (लोगों की भागीदारी) के एक नए अध्याय को समाज के सभी वर्गों के कई हितधारकों के साथ शुरू करने की आवश्यकता है. जल संरक्षण से संबंधित अभियानों में हमें लोगों, सामाजिक संगठनों को शामिल करना होगा.” और नागरिक समाज जितना संभव हो.
‘जनचेतना और जागरुकता से अभियान की सफलता सुनिश्चित’पीएम मोदी ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का हवाला देते हुए कहा कि जनचेतना और जागरुकता से अभियान की सफलता सुनिश्चित हुई है और यही सोच जल संरक्षण के लिए भी जनता में जगानी है. “जब लोग ‘स्वच्छ भारत अभियान’ से जुड़े तो लोगों में चेतना और जागरूकता भी आई. सरकार ने संसाधन जुटाए और जल उपचार संयंत्र और शौचालय जैसे कई काम किए. पीएम मोदी ने साथ ही कहा कि लेकिन अभियान की सफलता तब सुनिश्चित हुई जब जनता ने गंदगी न फैलाने की सोची. यही सोच जल संरक्षण के लिए भी जनता में जगानी है.
‘सरकार ने इस बजट में सर्कुलर इकोनॉमी पर बहुत जोर दिया’पानी की अधिक आवश्यकता वाले उद्योग और कृषि को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि दोनों क्षेत्रों को मिलकर जल संरक्षण अभियान चलाना चाहिए. आगे उन्होंने जोड़ा कि सरकार ने इस बजट में सर्कुलर इकोनॉमी पर बहुत जोर दिया है. सर्कुलर इकोनॉमी की जल संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका है. हमारे देश में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है और जब शहरीकरण की गति ऐसी है तो हमें पानी के बारे में बहुत गंभीरता से सोचना चाहिए.