Coronavirus Outbreak: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वॉरियर्स का मनोबल बढ़ाने में लगे हुए हैं. वे व्यक्तिगत रूप से उन्हें कॉल कर रहे हैं. देशभर के अस्पतालों के उन स्वास्थयकर्मियों को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से फोन किया जा रहा है जो संक्रमित लोगों के इलाज में लगे हुए हैं. इसी क्रम में अचानक नायडू अस्पताल, पुणे की नर्स छाया के फोन पास फोन आया…उस ओर से आवाज आयी मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोल रहा हूं…इसपर छाया थोड़ा असमंजस में पड़ गयी…फिर पीएम मोदी ने छाया का हालचाल जाना.
प्रधानमंत्री ने छाया से एक सवाल किया- बताइए अपने परिवार को अपने सेवाभाव के प्रति कैसे आश्वस्त कर पाईं क्योंकि आप तो बिल्कुल निडर होकर लोगों की सेवा में लगी हुईं हैं. परिवार को भी आपकी चिंता सता रही होगी. छाया ने इसका जवाब बहुत ही नम्र होकर दिया- चिंता तो होती है, लेकिन सेवा ही धर्म है…काम तो करना पड़ता है, सर… सेवा करनी होती है सर…
फिर प्रधानमंत्री ने सवाल किया- मरीज आपके पास आते होंगे तो बहुत डरे हुए दिखते होंगे क्यों ? इस पर नर्स छाया ने कहा कि हां, डरे हुए तो रहते हैं…लेकिन हम उनसे बातचीत करते हैं और समझाते हैं कि डरने की कोई बात नहीं है…आप ठीक हो जाएंगे. फोन रखने के पहले छाया ने प्रधानमंत्री का आभार जताया चाहा तो प्रधानमंत्री की ओर से जवाब आया- यह तो उनका कर्तव्य है और सबको मिलकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़नी है…केवल लड़नी ही नहीं लड़ाई जीतनी भी है.
इस पर नर्स ने कहा कि हां…यह बात तो है…मैं तो अपनी ड्यूटी कर रही हूं, आप तो चौबिसों घंटे देश सेवा में लगे रहते हैं. आपको बता दें कि भारत में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. अबतक देशभर में इस वायरस के संक्रमण के कारण 19 लोगों की मौत हो गयी है जबकि साढे आठ सौ से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को कोरोना संकट से उबारने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने पूरे देश में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है. यह लॉकडाउन 14 अप्रैल तक चलेगा. केंद्र सरकार की ओर से लोगों को राहत देने के लिए कई तरह के कदम भी उठाये गये हैं. केंद्र सरकार का साथ राज्य सरकारें भी दें रहीं हैं और इस मुश्किल की घड़ी में पूरा देश एकजुट है.