पीएम मोदी ने अमेरिका की फर्स्ट लेडी को 7.5 कैरेट का हीरा किया गिफ्ट, जानें क्या है इसकी खासियत
प्रधानमंत्री मोदी ने जिल बाइडेन को बेशकीमती हीरा उपहार में दिया है, उसे ईको-फ्रेंडली प्रयोगशाला में तैयार किया गया है. हीरा पर्यावरण के अनुकूल है. इसके निर्माण में सौर और पवन ऊर्जा जैसे संसाधनों का उपयोग किया गया है. हरित हीरे को अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके सटीकता और देखभाल के साथ गढ़ा गया है.
तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर अमेरिका पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडेन को बेहद खास उपहार गिफ्ट किया. पीएम मोदी ने उन्हें कश्मीर के अति सुंदर पेपरमेशी के छोटे से बॉक्स में 7.5 कैरेट का हीरा उपहार में दिया.
हीरे को ईको-फ्रेंडली प्रयोगशाला में किया गया तैयार
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिल बाइडेन को बेशकीमती हीरा उपहार में दिया है, उसे ईको-फ्रेंडली प्रयोगशाला में तैयार किया गया है. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा, भारत का हीरा! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर के उत्तम पेपरमेशी बॉक्स में रखे इस खूबसूरत पर्यावरण अनुकूल हीरे को अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन को उपहार में दिया.
प्रति कैरेट केवल 0.028 ग्राम कार्बन उत्सर्जित करता है यह हीरा
हीरा पर्यावरण के अनुकूल है क्योंकि इसके निर्माण में सौर और पवन ऊर्जा जैसे संसाधनों का उपयोग किया गया है. हरित हीरे को अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके सटीकता और देखभाल के साथ गढ़ा गया है. यह प्रति कैरेट केवल 0.028 ग्राम कार्बन उत्सर्जित करता है और जेमोलॉजिकल लैब (रत्नविज्ञान प्रयोगशाला), आईजीआई (इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट) द्वारा प्रमाणित है.
PM Narendra Modi gifts a lab-grown 7.5-carat green diamond to US First Lady Dr Jill Biden
The diamond reflects earth-mined diamonds’ chemical and optical properties. It is also eco-friendly, as eco-diversified resources like solar and wind power were used in its making. pic.twitter.com/5A7EzTcpeL
— ANI (@ANI) June 22, 2023
भारत, देश की प्रयोगशालाओं में विकसित हीरे के विनिर्माण को दे रहा बढ़ावा
भारत, देश की प्रयोगशालाओं में विकसित हीरे (एलजीडी) के विनिर्माण को बढ़ावा दे रहा है और इसके लिए सरकार ने पिछले आम बजट में कुछ कदमों की घोषणा की थी. सरकार ने एलजीडी बीजों पर सीमा शुल्क को पांच प्रतिशत से हटाने की घोषणा की थी. इसने एलजीडी मशीनरी, बीज और नुस्खा के स्वदेशी उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास को पांच साल के अनुसंधान अनुदान को भी मंजूरी दी. आईआईटी मद्रास में 5 वर्षों में 242.96 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ लैब-विकसित डायमंड (इनसेंट-एलजीडी) के लिए एक इंडिया सेंटर स्थापित करने का प्रस्ताव है.
भारत में सीवीडी तकनीक से तैयार हो रहा हीरा
प्रयोगशाला में विकसित हीरे का उत्पादन दो प्रौद्योगिकियों के माध्यम से किया जाता है. इसमें उच्च दबाव उच्च तापमान (एचपीएचटी) और रासायनिक वाष्प जमाव (सीवीडी) शामिल है. भारत सीवीडी तकनीक का उपयोग करके इन हीरों का उत्पादन करने वाले प्रमुख उत्पादकों में से एक है.