राज्यसभा से आज रिटायर हो गए 72 सांसद, विदाई में पीएम मोदी ने दिया भावुक संदेश, बोले- ‘लौटकर जरूर आना’
संसद के उच्च सदन राज्यसभा से आज 72 सांसद रिटायर हो गए. इनमें कांग्रेस के एके एंटनी, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी, भारतीय जनता पार्टी के सुरेश प्रभु, सुब्रमणियम स्वामी, बहुजन समाज पार्टी के सतीश चंद्र मिश्रा, शिवसेना के संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल सहित कई अन्य सदस्य शामिल हैं.
नई दिल्ली : भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा से आज गुरुवार को 72 सांसद रिटायर हो गए. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विदाई संबोधन राज्यसभा सांसदों को भावुक संदेश दिया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हमारे राज्यसभा सांसदों का लंबा अनुभव रहा है. कई बार अनुभव अकादमिक ज्ञान से भी ज्यादा अहम होता है. मैं रिटायर हो रहे सदस्यों से कहूंगा कि लौट कर आना.
इसके साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिटायर कर रहे सांसदों से आग्रह भी किया कि वे अपने अनुभव देशवासियों के साथ साझा करें और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करें. उन्होंने कहा कि अनुभव का अपना महत्व होता है और मुझे पूरा विश्वास है कि उच्च सदन में अपना कार्यकाल पूरा कर रहे सदस्य इसका उपयोग राष्ट्र की सेवा के लिए करेंगे.
राज्यसभा से 72 सांसद रिटायर
बताते चलें कि भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा से आज 72 सांसद रिटायर हो गए. इनमें कांग्रेस के एके एंटनी, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी, भारतीय जनता पार्टी के सुरेश प्रभु, सुब्रमणियम स्वामी, बहुजन समाज पार्टी के सतीश चंद्र मिश्रा, शिवसेना के संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल सहित कई अन्य सदस्य शामिल हैं. रिटायर हो रहे सदस्यों में निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह जैसे मंत्री भी शामिल हैं.
अनुभव सबसे बड़ी पूंजी
प्रधानमंत्री ने रिटायर हो रहे सांसदों के लिए दिए गए अपने विदाई भाषण में उच्च सदन में कहा कि जो सदस्य रिटायर हो रहे हैं, उनके पास अनुभव की बहुत बड़ी पूंजी है और कभी-कभी ज्ञान से ज्यादा अनुभव की ताकत होती है. उन्होंने कहा कि ज्ञान की तो अपनी सीमाएं होती हैं, वह सम्मेलनों में काम भी आता है, लेकिन अनुभव से जो प्राप्त होता है, उसमें समस्याओं के समाधान के लिए सरल उपाय होते हैं. उन्होंने कहा कि अनुभव से गलतियों में कमी आती है.
चारदीवारियों के अनुभव को चारों दिशाओं में फैलाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सदस्यों का अनुभव देश की समृद्धि में बहुत काम आएगा, क्योंकि उन्होंने एक लंबा समय सदन की चारदीवारियों में बिताया है. इस सदन में हिंदुस्तान के कोने-कोने की भावनाओं का प्रतिबिंब, वेदना और उमंग सबका एक प्रवाह बहता रहता है. उन्होंने कहा कि भले हम इन चारदीवारियों से निकल रहे हैं, लेकिन इस अनुभव को राष्ट्र के सर्वोत्तम हित के लिए चारों दिशाओं में ले जाएं. चारोंदीवारियों में पाया हुआ सब कुछ चारों दिशा में ले जाएं.
अनुभवों को करें कलमबद्ध
प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान सदस्यों ने सदन में जो महत्वपूर्ण योगदान दिया और उस योगदान ने देश को आकार और एक दिशा देने में भूमिका निभाई है तो उसे जरूर कलमबद्ध करें. उन्होंने कहा कि मैं चाहूंगा उन स्मृतियों को आप कहीं ना कहीं लिखें, ताकि कभी न कभी वह आने वाली पीढ़ियों के काम आए. हर किसी ने कुछ न कुछ कोई योगदान दिया होगा, जिसने देश को दिशा देने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई होगी. हम इसको अगर संग्रहित करेंगे, तो हमारे पास एक मूल्यवान खजाना होगा.
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महापुरुषों ने देश को बहुत कुछ दिया, अब हमारी बारी
देश की आजादी के 75 साल के अवसर पर मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि महापुरुषों ने देश के लिए बहुत कुछ दिया है, अब देने की जिम्मेदारी हमारी है. उन्होंने सदस्यों से अनुरोध किया कि आजादी के अमृत महोत्सव के पर्व को माध्यम बनाकर वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने में अपना योगदान दें. उन्होंने सदस्यों से कहा कि आपके इस योगदान से देश को बहुत बड़ी ताकत मिलेगी. देश को लाभ मिलेगा. मैं सभी साथियों को बहुत शुभकामनाएं देता हूं.