प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन में कहा, अगर दुनिया बुद्ध की शिक्षा पर चलता तो आज क्लाइमेट चेंज जैसा संकट नहीं आता. ये संकट इसलिए आया क्योंकि कुछ देशों ने पिछली शताब्दी में आने वाली पीढ़ियों के बारे में कुछ नहीं सोचा.
राष्ट्र अपने हितों के साथ-साथ वैश्विक हितों को भी प्राथमिकता दें : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन में कहा, समय की मांग है कि लोग और राष्ट्र अपने हितों के साथ-साथ वैश्विक हितों को भी प्राथमिकता दें. पीएम मोदी ने अपनी सरकार के विभिन्न कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा, बुद्ध के विचारों का प्रसार करने का निरंतर प्रयास किया है.
हमें विश्व को सुखी बनाना है तो स्व से निकलकर संसार के रास्ते पर चलना होगा : मोदी
पीएम मोदी ने कहा, हमें विश्व को सुखी बनाना है तो स्व से निकलकर संसार, संकुचित सोच को त्यागकर, समग्रता का ये बुद्ध मंत्र ही एकमात्र रास्ता है. दुनिया में अलग-अलग देशों में शांति मिशन हो या फिर तुर्की के भूकंप जैसी आपदा हो, भारत अपना पूरा सामर्थ्य लगाकर हर संकट के समय मानवता के साथ खड़ा होता है, ‘मम भाव’ से खड़ा होता है.
#WATCH | Inspired by Lord Buddha’s teachings, India always thinks about world's sadness as their own, India involves in peace missions. Be it Turkey earthquake or any other crisis, India gives its best for helping people & stands with humanity: PM Modi at Global Buddhist Summit pic.twitter.com/hdUoazyVyn
— ANI (@ANI) April 20, 2023
बुद्ध चित्रण से आगे बढ़कर एक चेतना है : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, बुद्ध व्यक्ति से आगे बढ़ कर एक बोध हैं, बुद्ध स्वरूप से आगे बढ़कर एक सोच हैं, बुद्ध चित्रण से आगे बढ़कर एक चेतना हैं और बुद्ध की ये चेतना चिरंतर है निरंतर है. यह सोच शाश्वत है, ये बोध अविस्मरणीय है. इस धरती की परंपरा है- अतिथि देवो भव: अथार्त अतिथि हमारे लिए देवता के समान होते हैं. उन्होंने कहा, भगवान बुद्ध के विचारों को जीने वाले जब हमारे सामने हों तो साक्षात बुद्ध की उपस्थिति का एहसास होता है.