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पीएम मोदी ने ब्राजील को सौंपी जी20 समूह की अध्यक्षता, राष्ट्रपति लूला ने की भारत की सराहना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा को जी20 समूह की अध्यक्षता हस्तांतरित करते हुए पारंपरिक गैवल (एक प्रकार का हथौड़ा) सौंपा. इस मौके पर लूला डी सिल्वा ने उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के हितों से जुड़े मुद्दों को आवाज देने के लिए भारत की सराहना की.

G20 Summit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा को जी20 समूह की अध्यक्षता हस्तांतरित करते हुए पारंपरिक गैवल (एक प्रकार का हथौड़ा) सौंपा. इस मौके पर लूला डी सिल्वा ने उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के हितों से जुड़े मुद्दों को आवाज देने के लिए भारत की सराहना की. जी20 शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में मोदी ने ब्राजील को इस समूह की अध्यक्षता के लिए गैवल सौंपा और शुभकामनाएं दीं.

ब्राजील आधिकारिक रूप से इस साल एक दिसंबर को जी20 समूह के अध्यक्ष का कार्यभार संभालेगा. लूला डी सिल्वा ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के हितों से जुड़े मुद्दों को आवाज देने के भारत के प्रयासों के लिए उसका आभार जताया. लूला डी सिल्वा ने सामाजिक समावेशन, भूख के खिलाफ लड़ाई, ऊर्जा परिवर्तन और सतत विकास को जी20 की प्राथमिकताओं के रूप में सूचीबद्ध किया.

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अपनी राजनीतिक ताकत बरकरार रखने के लिए स्थायी और गैर-स्थायी सदस्यों के रूप में नये विकासशील देशों की आवश्यकता है. ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हम विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विकासशील देशों के लिए अधिक प्रतिनिधित्व चाहते हैं.’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को जी20 की अध्यक्षता हस्तांतरित करते हुए पारंपरिक गैवल (एक प्रकार का हथौड़ा) सौंपा.

इससे पहले पीएम मोदी ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि अफ्रीकी संघ का जी20 में शामिल होना अधिक समावेशी वैश्विक वार्ता की दिशा में एक ‘महत्वपूर्ण कदम’ है. उन्होंने साथ ही संपूर्ण विश्व के हित को ध्यान में रखते हुए सामूहिक प्रयासों की जरूरत को रेखांकित किया. जी20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर शनिवार को अफ्रीकी संघ का समूह के नये स्थायी सदस्य के रूप में शामिल होना रहा. वर्ष 1999 के बाद इस प्रभावशाली समूह का यह पहला विस्तार था.

जी20 के सभी सदस्य देशों ने ‘ग्लोबल साउथ’ के इस महत्वपूर्ण समूह (अफ्रीकी संघ) को दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं की मेज पर लाने के प्रस्ताव का समर्थन किया. ‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल एशिया, अफ्रीका और लातिन अमेरिका के विकासशील देशों के लिए किया जाता है. अफ्रीकी संघ को जी20 में शामिल किए जाने पर केन्या के राष्ट्रपति विलियम सामोई रूतो के पोस्ट का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘वास्तव में अफ्रीकी संघ का जी20 में शामिल होना अधिक समावेशी वैश्विक वार्ता की दिशा में एक ‘महत्वपूर्ण कदम’ है. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम सामूहिक प्रयासों को लेकर आशान्वित हैं, जो न केवल हमारे महान देश के, बल्कि पूरी दुनिया के हित में होगा.’’ वहीं, जाम्बिया के राष्ट्रपति हकाइंदे हिचिलेमा के पोस्ट के जवाब में मोदी ने कहा, ‘‘अफ्रीकी संघ का जी20 में शामिल होना विश्व की प्रगति में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है. हम गठजोड़ बढ़ाने और हमारी साझा आकांक्षाओं को गति देने के लिए तैयार हैं. हम वैश्विक भलाई के लिए करीबी रूप से काम करना जारी रखेंगे.’’

शनिवार को शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान मोदी ने कोमोरोस संघ के राष्ट्रपति और अफ्रीकी संघ (एयू) के अध्यक्ष अज़ाली असौमानी से अन्य नेताओं के साथ इस मंच में शामिल होने का आग्रह किया. इसके साथ ही, 55 सदस्यीय यह समूह (अफ्रीकी संघ) यूरोपीय संघ के बाद दूसरा बहु-राष्ट्र समूह बन गया, जो जी20 का स्थायी सदस्य होगा. जी20 के सभी सदस्य देशों ने भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत 55 सदस्यीय अफ्रीकी संघ को दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं की सूची में शामिल करने के लिए यहां मंच (जी20) के शिखर सम्मेलन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था.

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